Bombay High Court on illegal hoarding: बम्बई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि राजनीतिक नेताओं की शह के बिना अवैध होर्डिंग नहीं लग सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि क्या कोई भी ऐसा एक नेता हैं जो यह कहें कि उन्हें ये होर्डिंग नहीं चाहिए. खंडपीठ ने अधिकारियों से इस तरह के होर्डिंग्स को लगाने की अनुमति नहीं देकर ‘‘समस्या को जड़ से खत्म करने’’ को भी कहा.
खंडपीठ राज्यभर में राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए अवैध बैनर, होर्डिंग और पोस्टर के मुद्दे पर कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी. इन याचिकाओं में कहा गया है कि होर्डिंग से सार्वजनिक स्थान विरूपित होते है. उच्च न्यायालय ने 2016 में राज्य सरकार और सभी नगर निगमों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी अवैध होर्डिंग नहीं लगाया जाए और अधिकारियों को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी
अतिरिक्त सरकारी वकील भूपेश सामंत ने गुरुवार को अदालत को बताया कि हालांकि इस मुद्दे को हल करने का इरादा है, लेकिन कार्रवाई करने के लिए जनशक्ति की कमी है. तब पीठ ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को इस मुद्दे को उठाना चाहिए. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 28 जुलाई तय की.
बता दें कि इससे पहले साल 2016 में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और सभी नगर निगमों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी अवैध होर्डिंग नहीं लगाया जाए और अधिकारियों को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.