Nagpur Riot: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने हिंसा मामले में आरोपियों की संपत्ति के खिलाफ चलाए जा रहे विध्वंस की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इन आरोपियों में फहीम खान और युसूफ शेख भी शामिल है. इन्होंने हाई कोर्ट में डेमोलेशन के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. पुलिस ने आज (24 मार्च) फहीम खान का मकान ढहा दिया था. कोर्ट ने मनमाने रवैये को लेकर प्रशासन को फटकार भी लगाई है.
हाई कोर्ट ने इस पर बात पर जाहिर की चिंता
हाई कोर्ट ने प्रॉपर्टी के मालिकों की सुनवाई न होने पर चिंता जाहिर की जो कथित रूप से अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार थे. इस बात पर निराशा जाहिर की गई कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होने से पहले उनकी सुनवाई नहीं की गई. दरअसल, फहीम खान की प्रॉपर्टी हाई कोर्ट के आदेश आने से पहले ही दोपहर में ढहा दी गई थी. यह प्रॉपर्टी उसकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है.

सरकार को देना होगा अब जवाब
हाई कोर्ट ने सरकार और नगर निगम को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में जवाब दाखिल करें और मामले की अगली सुनवाई अब 15 अप्रैल को की जाएगी. नागपुर में भड़की हिंसा के बाद कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों में 21 नाबालिग भी शामिल हैं.
फहीम खान को जारी किया गया था नोटिस
बताया जाता है कि फहीम खान नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड है. पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में फहीम खान की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया. यह घर 86 वर्ग मीटर में बना हुआ है. फहीम नागपुर के मोमिनपुरा में एक दुकान चलाता है. फहीम खान के खिलाफ 21 मार्च को नोटिस जारी किय गया था. उसे कहा गया था कि वह 24 घंटे के अंदर खुद अवैध निर्माण हट दे.
नागपुर में औरंगजेब की कब्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच एक अफवाह फैली जिस अफवाह के काऱण लोग सड़क पर उतर गए और जिन्हें जो सामने दिखा मारपीट पर उतारू हो गए. इस दौरान कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया और घरों और दुकानों में आग लगा दी. घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.