Badlapur School News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर में एक स्कूल में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. मामले की सुनवाई आज जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने की है.


कोर्ट ने सरकारी पक्ष से इस संदर्भ में FIR की कॉपी मांगी ताकि उसे पढ़ सके. मामले में सुनवाई कुछ समय बाद दुबारा शुरू होगी. कोर्ट ने सरकारी पक्ष से FIR की कॉपी और इस केस से जुड़े दस्तावेज तबतक लाने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि हमने न्यूज़ देखकर सु-मोटो लिया है. इस मामले को लेकर कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है.


बदलापुर मामले की जांच कर रही SIT चीफ स्पेशल IG आरती सिंह बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची हैं. DCP सुधाकर पठारे भी कोर्ट पहुंचे. महाधिवक्ता बीरेन्द्र सराफ और स्पेशल पीपी हितेन वेनेगांवकर दोनों अदालत पहुंचे हैं. कोर्ट ने बीरेन्द्र सराफ से कई सवाल किए.


बीरेन्द्र सराफ - कल से जांच SIT ने शुरू की है. आरोपी की गिरफ्तार किया है.
कोर्ट- क्या 164 के तहत बयान दर्ज किया गया? 
बीरेन्द्र सराफ- आज किया जाएगा. 


(कोर्ट को केस डायरी और FIR की कॉपी दी गई.) 


कोर्ट - पोक्सो के तहत मामला दर्ज हुआ क्या? 
बीरेन्द्र सराफ- जब मामला दर्ज किया गया तब महिला अधिकारी मौजूद थी. 
बीरेन्द्र सराफ- दोनी नाबालिगों की मेडिकल जांच हो चुकी है. 


कोर्ट - क्या नाबालिग बच्चियों के बयान दर्ज किए गए हैं. उनका 164 हुआ है? 
बीरेन्द्र सराफ- सिर्फ बयान दर्ज हुआ है. अब एक 164 के तहत बयान दर्ज नही हुआ है. SIT पूरा रिव्यू करने के बाद आपको पूरी रिपोर्ट देगी.


कोर्ट- स्कूल ने अगर कोई एक्शन नही लिया तो क्या स्कूल के खिलाफ कोई कार्यवाही हुई है? क्या लड़कियों ने स्कूल से शिकायत की? 
बीरेन्द्र सराफ- एफआईआर से तो ऐसा ही लग रहा है. 


कोर्ट-  तो क्या आपने स्कूल के खिलाफ कोई मामला दर्ज किया? POCSO में अपराध की रिपोर्ट न करने के लिए स्कूल के संबंधित अधिकारी को भी पार्टी बनाने का प्रावधान है. 
बीरेन्द्र सराफ- अब एसआईटी बन गई है तो यह किया जाएगा.


कोर्ट- लेकिन यह पहले ही किया जाना चाहिए था. जैसे ही परिवार ने एफआईआर दर्ज कराई, आपको स्कूल के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था. क्या लड़कियों की काउंसलिंग की जा रही है? पीड़ित लड़कियों के साथ जो हुआ, हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते. हम जानना चाहते हैं कि राज्य ने पीड़ित लड़कियों की काउंसलिंग के लिए क्या किया है? 


कोर्ट- हम जानना चाहते हैं कि जब एसआईटी बनी और जांच सौंपी गई तो बदलापुर पुलिस ने पूरा रिकॉर्ड एसआईटी को क्यों नहीं सौंपा?
बीरेन्द्र सराफ- दूसरे पीड़ित के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं.
कोर्ट- तो आप हमसे तथ्य क्यों छिपा रहे हैं? 
बीरेन्द्र सराफ- मैंने अभी कोर्ट में अधिकारी से पूछा.


कोर्ट- POCSO अधिनियम की धारा 39 और 40 देखें, इसमें बच्चे को परामर्श देने का प्रावधान है.
बीरेन्द्र सराफ- हमें कुछ समय दें हम जवाब देंगे. 


कोर्ट- एसआईटी का गठन कब हुआ था? 
सराफ- घटना 12 और 13 अगस्त की है. 


कोर्ट- हमें नहीं पता कि बदलापुर पुलिस ने इस मामले की जांच कैसे की है. इसने शायद ही कुछ किया हो?
बीरेन्द्र सराफ- हमने कुछ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. 
कोर्ट- लेकिन वह हल नहीं है. क्या अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत अनिवार्य रूप से पीड़ितों के बयान दर्ज किए?


कोर्ट ने कहा कि दूसरी लड़कियों के बयान अभी तक दर्ज नहीं किए गए हैं. उन्होंने सराफ से अगली तारीख पर यह बताने को कहा कि उनके बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई. 


कोर्ट- यह बहुत गंभीर अपराध है. दो लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ, पुलिस मामले को गंभीरता से कैसे नहीं लेती? हम जानना चाहेंगे कि आप स्कूली लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? लड़कियों की सुरक्षा से कतई समझौता नहीं किया जा सकता.


कोर्ट- यह अब आम बात हो गई है. जब तक तीव्र विरोध न हो, मशीनरी काम नहीं करती. क्या आप यह कहना चाहते हैं कि जब तक लोग सड़कों पर नहीं उतरेंगे, जांच गंभीरता से नहीं होगी?


कोर्ट- उम्मीद है कि न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. 
बीरेन्द्र सराफ- हम किसी को नहीं छोड़ेंगे. कोई भी अधिकारी हो. 


कोर्ट- पीड़ितों और उनके परिवार को कानूनी सहायता और उनकी काउंसलिंग करें. यह सुनिश्चित करें कि दूसरी पीड़िता का बयान आज ही दर्ज हो जाएं. सुनिश्चित करें कि सब कुछ वीडियो रिकॉर्डेड है.


कोर्ट ने पीड़ितों की उम्र पूछी जिसपर सराफ ने बताया कि एक बच्ची 4 साल और दूसरी 3 साल की है. 
कोर्ट ने कहा कि न केवल एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई बल्कि स्कूल के संबंधित अधिकारियों ने शिकायत भी दर्ज नहीं की. यह एफआईआर कॉपी से साफ हो रहा है.


सराफ ने कहा कि एक एसआईटी का गठन किया गया है. सारे डाक्यूमेंट्स एसआईटी को सौंप दिये गये हैं. केवल एक पीड़िता के बयान दर्ज किए गए हैं और दूसरे के बयान आज दर्ज किया जाएगा. 


कोर्ट- क्या दूसरी पीड़िता के पिता का बयान दर्ज किया गया था? एसआईटी चीफ का कहना है कि इसे कल रिकॉर्ड किया गया था.


कोर्ट - क्या दूसरे बच्ची के पिता का स्टेटमेंट रेकॉर्ड हुआ है?
सराफ- जी हुआ है.
कोर्ट- आप चेक कीजिये पहले. बाद में बयान बदलिए मत. पुलिस ने बताया आज रिकॉर्ड हुआ है. कोर्ट भड़का. ये क्या है? 13 का इंसिडेंट. 16 को FIR और स्टेटमेंट 22 तारीख को रिकॉर्ड हो रहा है. ये क्या चल रहा है? अगर हमें जरा भी लगा कि मामले को दबाने की कोशिश हो रही है हम किसी के खिलाफ एक्शन लेने में हिचकेंगे नहीं.


कोर्ट- ऐसा नहीं किया गया है आप आधी रात के बाद बयान कैसे दर्ज कर सकते हैं. इतनी देरी क्यों? 
आप हमें बताएंगे कि बयान समय पर दर्ज क्यों नहीं किए गए. हम सभी दस्तावेजों की तारीख देखेंगे. हम केवल पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में रुचि रखते हैं और कुछ नहीं. ये नाबालिग लड़कियां हैं.


कोर्ट- धारा 161 के बयानों के तहत दूसरी लड़की के पिता के हस्ताक्षर क्यों लिए गए? कोर्ट ने आगे कहा कि हम यह जानकर आश्चर्यचकित हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरे पीड़ित के परिवार के बयान दर्ज नहीं किए. हमारे सु-मोटो लेने के बाद ही पुलिस ने दूसरी पीड़िता के पिता के बयान दर्ज किए, वह भी आधी रात के बाद. कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पीड़ितों और उनके परिवारों को सभी कानूनी सहायता और काउंसिलिंग दी जाएगी.


कोर्ट- हम उम्मीद करते हैं कि आप न केवल पीड़ित लड़कियों के बल्कि उनके परिवारों के भी बयान CRPC की धारा 164 के तहत दर्ज करेंगे.


कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक उन्हें केस की फाइल देखनी है. कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख पर बदलापुर पुलिस ने क्या जांच की वो पूरी जानकारी चाहिए.


कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे करेगी. कोर्ट ने सराफ से कहा कि आपको बदलापुर पुलिस स्टेशन की जांच पर बहुत सारे जवाब देने होंगे.


कोर्ट- अगर स्कूल एक सुरक्षित जगह नहीं है तो शिक्षा और अन्य सभी चीजों के अधिकार की बात करने का क्या मतलब है? कोर्ट ने आगे कहा कि यहां तक ​​कि 4 साल की लड़कियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. ये कैसी स्थिति है? यह बेहद चौंकाने वाली बात है. आज की सुनवाई खत्म हुई. अगली सुनवाई 27 अगस्त दोपहर 2.30 बजे होगी.


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