महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक की याचिका पर बांबे हाई कोर्ट आज फैसला सुना सकता है. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)की ओर से दर्ज मामले और अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. उनकी याचिका पर अदालत ने 11 मार्च को सुनवाई पूरी कर ली थी. इसके बाद अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 15 मार्च की तारीख दी थी. नवाब मलिक की ओर से वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने दलीलें पेश की थीं, वहीं ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह पेश हुए थे.


नवाब मलिक ने क्या अपील की है


नवाब मलिक ने बांम्बे हाईकोर्ट में ईडी की ओर से अपनी गिरफ्तारी के विरोध में दायर याचिका में ईडी की कार्रवाई को गलत और अपनी गिरफ्तार को अवैध बताया है. मलिक ने अपनी याचिका में ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी को रद्द करने की अपील की है. उन्होंने गिरफ्तारी को जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन बताया है.


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यह मामला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन खरीदने से जुड़ा है. इस मामले में जांच एजेंसी ने मनी लॉड्रिंग का आरोप लगाया है. इस मामले में ईडी ने नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था. जांच एजेंसी ने उनपर  प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराधों में शामिल बताया था.  गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद मुंबई की एक अदालत ने उन्हें 7 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अभी वो आर्थर रोड जेल में बंद हैं.


नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से कुर्ला स्थित गोवा वाले कंपाउंड की 3 एकड़ की जमीन को खरीदा था. इसके लिए उन्होंने सिर्फ 55 लाख रुपए दिए थे. जांच एजेंसी का कहना है कि जमीन की मौजूदा कीमत करीब 300 करोड़ रुपए है.


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