Bombay HC On Renaming: बॉम्बे हाईकोर्ट(Bombay High Court) ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को एक मेट्रो स्टेशन का नाम पठानवाड़ी से डिंडोशी में बदलने के विरोध में एक जनहित याचिका पर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है. अधिवक्ता साहूद अनवर नकवी के माध्यम से सामाजिक संगठन नई रोशनी द्वारा दायर याचिका में मुंबई मेट्रो की लाइन 2ए और 7 पर स्टेशनों के नामों को संशोधित करने के मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) के 18 जुलाई, 2019 के आदेश को चुनौती दी गई है. संगठन ने दावा किया कि नाम बदलना "मेट्रो स्टेशनों के नामकरण से संबंधित एमएमआरडीए द्वारा बनाई गई नीति का सरासर उल्लंघन" था.
राजनीतिक दवाब में फैसला लेने का आरोप
संगठन ने आरोप लगाया कि नाम, दो विधायकों, अतुल भटकलकर और सुनील प्रभु के अनुचित राजनीतिक दबाव में बदल दिया गया था, जबकि आरटीआई के जवाब में कहा गया था कि डिंडोशी एक राजस्व गांव है और निकटतम वाडी नहीं है. इस याचिका में कहा गया है कि नाम बदलना "मनमाना" था, पठानवाड़ी निवासियों की भावनाओं को प्रभावित करता था और उनके संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ था.
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अदालत ने दिया 2 हफ्ते का समय
अदालत ने 9 जून को संगठन को निर्देश दिया कि वह उसकी याचिका पर सुनवाई के लिए एक लाख रुपये पूर्व शर्त के तौर पर जमा करे. संगठन ने सोमवार को न्यायमूर्ति अनिल के मेनन और न्यायमूर्ति मकरंद एस कार्णिक की पीठ को सूचित किया कि जमा कर दिया गया है, जिसके बाद अदालत ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया.
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