Union Budget 2022: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दावा किया कि राज्य ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में केंद्रीय कोष में 48,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया, लेकिन 2022-23 के केंद्रीय बजट में उसे केवल 5,000 करोड़ रुपये मिले. उन्होंने कहा कि यह बजट एक चुनावी घोषणापत्र की तरह है और मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए इसमें कोई राहत नहीं है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के साथ अन्याय किया गया है. 


अजीत पवार ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने पहले की तरह ही अपने बजटीय प्रावधानों में महाराष्ट्र की उपेक्षा करने की अपनी परंपरा को जारी रखने का फैसला किया है. चालू वित्त वर्ष (2021-22) में केंद्र सरकार के अब तक के कुल 2.20 लाख करोड़ रुपये के संग्रह में महाराष्ट्र ने 48,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया. हालांकि, महाराष्ट्र को बदले में केवल 5,000 करोड़ रुपये मिले हैं.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘महाराष्ट्र के साथ अन्याय इस साल भी जारी रहा है. कोई कितना भी बजट में तलाश ले, आपको महाराष्ट्र को फायदा पहुंचाने वाली कोई भी चीज इसमें नहीं मिलेगी.’’


पवार ने कहा, ‘‘अगले पांच वर्षों के लिए राज्य सरकारों को जीएसटी वापसी (रिफंड) जारी रखने के केंद्र सरकार के फैसले का कोई उल्लेख नहीं है. कई राज्यों ने यह मांग की थी लेकिन फिर भी बजट में इस मुद्दे का कोई जिक्र नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने अगले 25 वर्षों के लिए विकास का खाका पेश करने का दावा किया है. हालांकि उसने केवल पांच राज्यों में चुनाव से पहले एक चुनावी घोषणा पत्र पेश किया है.’’


पवार ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए राहत या ईंधन की कीमतों में कमी की घोषणा नहीं की गई है. उन्होंने बजट में घोषित योजनाओं के अगले लगभग तीन साल (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के शेष कार्यकाल) में लागू होने पर संदेह जताया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे संदेह है कि बजट में घोषित योजनाएं अगले तीन वर्षों में पूरी होंगी या नहीं.’’


यह भी पढ़ें


BMC Budget 2022: कल पेश होगा बीएमसी का बजट, मुंबई मेयर बोलीं 'शिवसेना नहीं सुनाएगी जुमले'


Mumbai Night Curfew: मुंबई में नाइट कफ्यू को लेकर जारी हुआ ये आदेश, रेस्टोरेंट और थियेटर पर भी फैसला


Nitesh Rane: बीजेपी विधायक नितेश राणे को फिर झटका, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका