Bulli Bai App: बुल्ली बाई ऐप मामले में मुंबई पुलिस के हाथ एक और कामयाबी लगी है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में आज एक आरोपी को ओडिशा से गिरफ्तार किया है. इस मामले में आरोपी नीरज सिंह को मुंबई क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने कहा, ‘नीरज की भूमिका इस मामले में पहले गिरफ्तार किये गये आरोपियों से पूछताछ में सामने आयी. पूछताछ के बाद साइबर थाने की एक टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए ओडिशा भेजी गयी थी.’’ पुलिस ने बताया कि नीरज सिंह एमबीए डिग्री होल्डर है.


साथ ही पुलिस ने कहा कि जल्द ही नीरज सिंह को मुंबई लाया जाएगा. यहां बता दें कि नीरज सिंह इस मामले में चौथा आरोपी है जिसे गिरफ्तार किया गया है. इस मामले के मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई को 6 जनवरी को दिल्ली पुलिस द्वारा असम से गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में नाम सामने आने के बाद बिश्नोई को उसके कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया है. बिश्नोई मध्यप्रदेश स्थित भोपाल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. उससे पहले, श्वेता सिंह (18) और मयंक रावल (21) को उत्तराखंड से, जबकि इंजीनियरिंग छात्र विशाल कुमार झा (21) को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था.


मुंबई पुलिस को मिला रिमांड


बुल्ली बाई और सुल्ली डील्स मामले की जांच में जुटी मुंबई पुलिस के साइबर सेल के हाथ एक और कामयाबी लगी है. इन दोनों ही एप्स के मुख्य आरोपी क्रमश: नीरज बिश्नोई व ओमकारेश्वर ठाकुर की पुलिस रिमांड 27 जनवरी तक के लिए मुंबई साइबर सेल को मिली है. दोनों ही आरोपियों को गुरुवार का बांद्रा कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था.






तीन आरोपियों ने कोर्ट से मांगी जमानत


बुल्ली बाई एप मामले में बांद्रा कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं, मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में मामले के तीन आरोपियों विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत की जमानत याचिकाओं का विरोध किया. पुलिस ने जमानत याचिकाएं खारिज करने का अनुरोध करते हुए ये आशंका जताई कि आरोपी जेल से बाहर आने के बाद भाग सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.


क्या है बुल्ली बाई एप


ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म ‘गिटहब’ पर मौजूद ‘बुल्ली बाई’ ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘नीलामी’ के लिए डालने की शिकायतें सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. हालांकि, ऐप पर कोई वास्तविक ‘नीलामी’ या ‘बिक्री’ नहीं की गई, लेकिन माना जा रहा है कि इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य लक्षित महिलाओं को डराना और अपमानित करना था.


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