Citizenship Amendment Act: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के नियमों को अधिसूचित करने के केंद्र के फैसले की निंदा की. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह कदम संसदीय लोकतंत्र पर हमले के समान है. केंद्र पर निशाना साधते हुए शरद पवार ने कहा कि सीएए अधिसूचना को लेकर फैसला अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से ठीक पहले आया है.
शरद पवार ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले इस तरह का निर्णय संसदीय लोकतंत्र पर हमला है. हम इसकी निंदा करते हैं. शरद पवार ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने साल 2019 में नागरिकता कानून में संशोधन किया था, जिसके बाद विवादास्पद कानून पारित होने के चार साल बाद आया है. ये कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है.
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष ने आगे कहा कि इसके साथ ही सरकार अब तीन देशों के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता देना शुरू कर देगी. यहां पत्रकारों से बात करते हुए, विपक्षी एनसीपी (सपा) ने अलग से कहा कि सीएए का फैसला चुनावी बांड पर विवाद से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए लिया गया है.
एसबीआई की याचिका खारिज
वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि सीएए अधिसूचना चुनावी बांड मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की एक चाल है. इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने समय बढ़ाने की मांग करने वाली भारतीय स्टेट बैंक की याचिका को खारिज कर दिया और उसे 12 मार्च को व्यावसायिक घंटों के अंत तक चुनाव आयोग को चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया. पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग को 15 मार्च को विवरण प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया.
‘नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे’
इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि सीएए लागू किया जा रहा है, क्योंकि सत्तारूढ़ सरकार को एहसास है कि लोकसभा से पहले उसके पक्ष में समर्थन की कोई लहर नहीं है. राम मंदिर का उद्घाटन तो हो गया, लेकिन अपेक्षित समर्थन लहर नहीं दिख रही है. अब, वे सीएए अधिसूचना जारी करके एक और लहर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार वे हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर लोगों का ध्रुवीकरण करने की भी कोशिश करते हैं. राउत ने दावा किया, केंद्र सरकार चाहे कितने भी सांप्रदायिक या अन्य प्रकार के तनाव पैदा कर ले, नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे.
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