Citizenship Amendment Act: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे सीएए कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है. ठाकरे का कहना है, "देश में नया कानून सीएए लाया गया है. जो हिंदू, सिख, पारसी और जैन देश के बाहर डरे हुए हैं, उन्हें हमारे देश में लाया जाएगा." निश्चित रूप से लाया जाएगा, लेकिन यह सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है."
बीजेपी पर उद्धव ठाकरे का निशाना
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, "जब मैं सीएम था, तो वे (बीजेपी) देश में सीएए और एनआरसी का भूत लेकर आए. उस समय लोगों के मन में डर पैदा हो गया, खासकर असम के लोगों के मन में. इस कानून के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं हैं. अभी कोर्ट का फैसला नहीं आया है, लेकिन उन्होंने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. वे धर्मों के बीच भेदभाव पैदा कर झगड़े और दंगे कराना चाहते हैं. आने वाले चुनाव में एक पर एक तरफ बीजेपी है जो धर्मों के बीच नफरत पैदा कर रही है और दूसरी तरफ देशभक्त 'इंडिया' गठबंधन है. यह चुनाव देशभक्त बनाम नफरत करने वालों के बीच होने जा रहा है. अगर आप विदेशों से हिंदुओं को हमारे यहां लाना चाहते हैं तो पहले कश्मीरी पंडितों को वापस लाओ और फिर सीएए लाओ.”
इस कानून से किसे होगा फायदा?
CAA कानून पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उन शरणार्थियों के लिए दी गई एक बड़ी राहत है, जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण उपरोक्त देशों से भारत आने के बाद से अनिश्चितता की स्थिति में हैं. सीएए उन उद्देश्यों को पूरा करने जा रहा है, जो सरकार ने 11 दिसंबर, 2019 को संसद में विधेयक पारित करते समय निर्धारित किए थे.
नागरिकता अधिनियम, 1955 (1955 का 57) भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण और निर्धारण के लिए अधिनियमित किया गया था. ऐतिहासिक रूप से भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश वाले क्षेत्रों के बीच आबादी का सीमा पार प्रवास लगातार होता रहा है.
ये भी पढ़ें: 'बीजेपी 400 से अधिक सीटें जीतना चाहती है क्योंकि...', उद्धव ठाकरे ने किया बड़ा दावा