Maharashtra News: भारतीय जनता पार्टी (बाजेपी) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने महा विकास आघाडी (एमवीए) के साथ गठबंधन करने की अपनी ‘गलती’ का एहसास होने के बाद अपनी पार्टी को बर्बाद होने से बचाने के लिए इस्तीफे का नाटक रचा था और बाद में अपना त्याग पत्र वापस ले लिया.


बाजेपी के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि पवार अपनी पार्टी का मूड भांपना चाहते थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनसीपी कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के बीच चल रहे संकट में ‘बर्बाद’ हो सकती है. बावनकुले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद, शरद पवार को एहसास हुआ कि वह एमवीए में शामिल होकर भटक गए थे. क्योंकि तत्कालीन एमवीए सरकार का नेतृत्व करने वाले उद्धव ठाकरे में अपनी पार्टी चलाने के लिए सूझबूझ की कमी थी और 40 विधायक ठाकरे की पार्टी को छोड़ गए.


एनसीपी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने का नाटक रचा
बाजेपी नेता ने दावा किया है कि अपनी पार्टी को संभावित बर्बाी (टूट-फूट) से बचाने के लिए, पवार ने एनसीपी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने का नाटक रचा. बाद में उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया. क्योंकि वह पार्टी का मूड भांपना चाहते थे. उन्होंने दावा किया कि एमवीए का 'वज्रमूठ' (लोहे की मुट्ठी) धीरे-धीरे खुल रहा है. एमवीए के तीन घटक- शिवसेना (UTB) एनसीपी और कांग्रेस- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सामूहिक मोर्चेबंदी के लिए महाराष्ट्र में 'वज्रमुठ' नाम से रैलियां कर रहे हैं.


शरद पवार ने दो मई को मुंबई में एक समारोह में एनसीपी प्रमुख का पद छोड़ने की घोषणा की थी. इसके बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे आग्रह किया था कि वह अपने फैसले पर फिर से विचार करें. हालांकि, तीन दिन बाद, पवार ने कहा कि वह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की दलीलों के मद्देनजर इस्तीफा देने के अपने फैसले को वापस ले रहे हैं.


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