Chandrayaan 3 Landing: सुप्रिया सुले बोलीं- 'ISRO इतिहास रचने की कगार पर, चाहे कुछ भी हो, हम सभी...'
Chandrayaan 3 Moon Landing: चंद्रयान 3 की सफलता के लिए देशभर में दुआओं का दौर जारी है. अब राजनीतिक हस्तियां भी सोशल मीडिया के जरिए इसरो को सफलता की शुभकामनाएं दे रहे हैं.
Chandrayaan-3: चंद्रमा पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लैंडिंग का समय जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है लोगों के दिल की धड़कनें तेज होने लगी हैं. आम से लेकर खास हर व्यक्ति चंद्रयान की सफलता की कामना कर रहा है. इस बीच, एनसीपी नेता और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) की प्रशंसा करते हुए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखा है.
सुप्रिया सुले ने बुधवार को लिखा, ''आने वाला समय रोमांचक है. इसरो चंद्रयान 3 के साथ इतिहास रचने की कगार पर है, जिसका लक्ष्य भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने वाला पहला देश बनाना है. आपका समर्पण और नवोन्मेष हम सभी को प्रेरित करता है. चाहे कुछ भी हो, हम सभी मजबूती से आपके साथ खड़े हैं. जय हिंद.''
शाम छह बजे के करीब लैंड होगा चंद्रयान
चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह को छूने वाला है. ऐसा होने के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा. लैंडर मॉड्यूल में लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं जो शाम करीब 6 बजकर 4 मिनट पर दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के निकट उतरने वाला है. इसरो ने कहा कि अभियान तय समय के मुताबिक चल रहा है.सिस्टम की नियमित जांच की जा रही है.
2019 में असफल रहा था चंद्रयान-2
अगर इसरो रोबोटिक लूनर रोवर को लैंड करने में सफल रहता है तो भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में महारत रखने वाले अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथा देश बन जाएगा. चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है और इसका उद्देश्य चांद की सतह पर सुरक्षित और आसानी से लैंडिंग करना, चंद्रमा पर घूमना और वैज्ञानिक प्रयोग करना है. चंद्रयान -2 अपने अभियान में विफल रहा था क्योंकि इसका लैंडर ‘विक्रम’ सात सितंबर, 2019 को लैंडिंग का प्रयास करते समय लैंडर के ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी आ जाने के कारण सतह पर उतरने से कुछ मिनट पहले चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.