Maharashtra News: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) का मुद्दा गरमाते ही अब ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) का मुद्दा सामने आ गया है. राज्य के मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने ओबीसी आरक्षण को लेकर आक्रामक रुख अपना लिया है. छगन भुजबल ने आरोप लगाया है कि सरकार हमें ओबीसी की श्रेणी से बाहर करने की साजिश कर रही है.
ओबीसी नेता छगन भुजबल ने कहा कि जिन लोगों को कानूनी तौर पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता और आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता, उन्हें पिछले दरवाजे से कुनबी प्रमाणपत्र देने का प्रयास किया जा रहा है. दूसरी ओर, जो लोग ओबीसी समुदाय के हैं, उन्हें हाई कोर्ट में लड़कर ओबीसी समुदाय से बाहर करने का दोहरा कार्यक्रम चल रहा है. मराठा आरक्षण मुद्दे पर छगन भुजबल के रुख को देखने के बाद अब मनोज जारांगे ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. जरांगे ने कहा कि उनका सवाल है 'करेंगे या मरेंगे'. हमारा आदर्श वाक्य है 'लड़ेंगे और जीतेंगे'. हमें अभी तक आरक्षण नहीं मिला है तो हमने कहां अतिक्रमण कर लिया? हम जो मांग रहे हैं वह हमारा अधिकार है.
ओबीसी समुदाय में नहीं करने देंगे मराठा को घुसपैठ- शेंडगे
उधर, ओबीसी नेता प्रकाश शेंडगे ने प्रतिक्रिया दी है कि हम मराठा समुदाय को ओबीसी समुदाय में घुसपैठ की कोशिश नहीं करने देंगे. प्रकाश शेंडगे ने कहा कि छगन भुजबल सरकार में रहकर लड़ें, हम बाहर रहकर लड़ेंगे. प्रकाश शेंडगेन ने यह भी घोषणा की कि आरक्षण बरकरार रखने के लिए लाखों ओबीसी सड़कों पर उतरेंगे और 17 नवंबर को अंबाद में ओबीसी मार्च निकाला जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे कमेटी की नियुक्ति के खिलाफ ओबीसी संगठन कोर्ट जाएंगे.
कोर्ट में आरक्षण को चुनौती
बता दें कि बालासाहेब सराटे, प्रशांत भोसले और शिवाजी कावठेकर ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की है. यह ऐसे समय में हुआ है जब राज्य में मराठा आरक्षण का मुद्दा गर्म है. ओबीसी को आरक्षण देने का अध्यादेश 23 मार्च 1994 को जारी किया गया था. उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.
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