Maharashtra: 'रास्ते के पत्थर हटाने होंगे', महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के नतीजों पर बोले छगन भुजबल
Maharashtra Politics: एनसीपी नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि महायुति को झटका लगा है.
Maharashtra Lok Sabha Election Result 2024: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में एनडीए के खराब प्रदर्शन को लेकर नेताओं के बीच सियासी चर्चा अभी भी जारी है. अजित पवार गुट के एनसीपी नेता छगन भुजबल ने राज्य में महायुति के परफॉर्मेंस को लेकर एक बार फिर से अपनी बात रखी है. एनसीपी की स्थापना दिवस के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अलायंस को झटका लगा है. ऐसे में इस पर काफी विचार करने की जरूरत है.
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, ''इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को झटका लगा है. रास्ते के पत्थर हटाने होंगे. मुंबई के चुनाव की बात करें तो मुंबई में हर जगह विकास कार्य चल रहे हैं, मुझे तो लगा मुंबई में सारी सीट आएंगी, लेकिन यहां से लोकसभा चुनाव में कितने उम्मीदवार चुनकर आए?''
'दलित, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय ने हमें क्यों छोड़ा?'
अजित पवार गुट के नेता ने सवाल उठाते हुए आगे कहा, ''दलित, मुस्लिम और आदिवासी समुदाय ने हमें क्यों छोड़ा? इस पर विचार किया जाना चाहिए. हम तभी सफल होंगे, जब हम इस बीमारी का इलाज ढूंढ लेंगे. हमने भी 400 की बात कही लेकिन लोगों को लगा कि 400 पार यानी संविधान बदलने का अभियान चलाया जा रहा है. पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में 15 मिनट तक इस पर बात कही, लेकिन ये बात बाद में कही, तब तक कैंपेन खत्म हो चुका था. लोगों को समझ में आया कि संविधान बदलने का मतलब आरक्षण है.''
प्रफुल्ल पटेल ने क्या कहा?
इससे पहले अजित पवार गुट एनसीपी के एक और नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव नतीजों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. प्रफुल्ल पटेल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि विपक्ष ने चुनाव के दौरान जो प्रचार किया, हम उससे पीछे रह गए. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि संविधान बदलन को लेकर गलतफहमी पैदा की गई. ये सिर्फ दलित समाज में ही नहीं बल्कि आदिवासी समुदाय में भी संविधान बदलने को लेकर नैरेटिव बनाया गया.
बता दें कि महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से महायुति को कुल 17 सीटों पर जीत मिली. वहीं, महाविकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों का प्रदर्शन इस बार बेहतर रहा. एमवीए ने राज्य की कुल 30 सीटों पर कब्जा जमाने में सफलता हासिल की. एक सीट निर्दलीय के खाते में गया. बाद में उसने कांग्रेस को समर्थन दिया.
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