Chhagan Bhujbal on Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सियासत गरमा गई है. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा में मराठों के 'पीछे के दरवाजे से प्रवेश' का विरोध कर रहे महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने गुरुवार (15 फरवरी) को कहा कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे को चुप बैठना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) मुद्दे पर ठोस निर्णय लेगी. भुजबल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह मराठों को एक अलग कोटा देने के पक्ष में हैं, लेकिन इसकी पड़ताल और सत्यापन किये बिना उन्हें कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के खिलाफ हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि आरक्षण और मराठा समुदाय की अन्य मांगों पर चर्चा के लिए 20 फरवरी को राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा. जरांगे ने गुरुवार को जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में छठे दिन अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखी और कहा कि वह कुनबी मराठों के ‘रक्त संबंधियों’ पर सरकार की मसौदा अधिसूचना को कानून में बदलने की मांग को लेकर दबाव डालने के लिए 18 या 19 फरवरी को मुंबई जाएंगे.
'मराठा आरक्षण पर ठोस निर्णय लेगी सरकार'
ओबीसी नेता भुजबल ने कहा, ''जरांगे को चुपचाप बैठना चाहिए क्योंकि राज्य सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण का लाभ देने पर ठोस निर्णय लेने जा रही है. वह अनावश्यक रूप से वरिष्ठ मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.'' मंत्री ने कहा कि जरांगे ने सोचा कि मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट गुरुवार को आएगी, इसलिए श्रेय लेने के लिए वह 10 फरवरी से अनशन पर बैठ गए, लेकिन सर्वेक्षण रिपोर्ट को अभी रूप नहीं दिया गया है तथा इसमें अभी और समय लगेगा.
छगन भुजबल का जरांगे पर आरोप
भुजबल ने आगे कहा, ''अब जरांगे फंस गए हैं और अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. वह मराठा समुदाय को अलग कोटा देने के पक्ष में हैं''. उन्होंने पूछा, ''महाराष्ट्र में लगभग 374 अलग-अलग प्रकार की जातियों को ओबीसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. मराठा इसका हिस्सा क्यों बनना चाहते हैं?'' जरांगे ने पहले चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो महाराष्ट्र में पीएम मोदी की जन सभाओं को बाधित किया जायेगा. उनकी इस चेतावनी के जवाब में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बुधवार को कहा था कि जरांगे ने एक बेतुकी और संवेदनहीन टिप्पणी की है कि वह पीएम मोदी के लिए महाराष्ट्र में किसी भी जगह का दौरा करना मुश्किल कर देंगे. उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं.
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