महाराष्ट्र के मंत्री और अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने पार्टी बदलने की अटकलों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने साफ कर दिया कि वो विधानसभा चुनाव के पहले और बाद में कहीं नहीं जा रहे हैं. एबीपी माझा से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वो एनसीपी (अजित पवार) के ही साथ हमेशा रहेंगे.


पिछले कुछ दिनों से ऐसी चर्चा थी कि छगन भुजबल नाराज चल रहे हैं. शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के बयान के बाद अटकलों में पंख लग गए. छगन भुजबल ने साफ तौर पर कहा कि उनको लेकर जो खबरें दिखाई जा रही हैं, वो सच्चाई से मेल नहीं खाती हैं.


भुजबल ने कहा, "मैं बहुत परेशान नहीं हूं. मैं किसी नेता से नहीं मिला. सिर्फ मीडिया में मेरी नाराजगी की खबरें चलीं. ये बातें कि मैं नाराज हूं ये पूरी तरह से गलत है. मैं विपक्ष के नेताओं से भी नहीं मिला. मैं कब उनसे मिलूंगा, मेरे पास तो समय ही नहीं है."


अजित पवार गुट के नेता ने ये भी कहा कि अगर मुझे किसी से मिलना होगा तो मैं खुले तौर पर मिलूंगा. उन्होंने कहा कि राजनीति में असंतुष्टि नहीं चलती. राजनीति में हर कोई नाराज होता है और अगले दिन उसे काम पर लग जाना होता है.


एबीपी माझा से बातचीत में उन्होंने कहा, "राहुल गांधी परेशान होंगे क्योंकि उन्हें कम सीटें मिली हैं. मोदी साहब भी परेशान होंगे. शरद पवार परेशान होंगे. देवेंद्र फडणवीस और बारामती सीट को लेकर अजित पवार भी परेशान होंगे. असंतोष के बाद इन सभी नेताओं की तरह मैंने भी काम करना शुरू कर दिया. मैं नाराज नहीं हूं."


गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव में माना जा रहा था कि छगन भुजबल को पार्टी टिकट दे सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बाद में राज्यसभा के लिए अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने नामांकन भर दिया. छगन भुजबल ने खुले तौर पर सांसद बनने की इच्छा जाहिर की थी.


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