Chhath Puja In Maharashtra: नहाय-खाय के साथ महाराष्ट्र में भी छठ महापर्व की हुई शुरूआत, मुंबई पुलिस ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ का आज दूसरा दिन यानी खरना है. मुंबई पुलिस ने छठ महापर्व को लेकर सुरक्षा का इंतजाम किया है. मुंबई में 81 जगहों पर छठ महापर्व मनाया जाएगा.
Mumbai News: आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2022) शुक्रवार से शुरू हो गया है. 28 अक्टूबर 2022 को पहले दिन नहाय खाय, 29 अक्टूबर 2022 को दूसरे दिन खरना, 30 अक्टूबर 2022 तीसरे दिन सूर्यास्त को अर्घ्य और 31 अक्टूबर 2022 को चौथे दिन सूर्योदय को जल चढ़ाकर पूजा की जाएगी. छठ महापर्व के लिए मुंबई पुलिस भी तैयारी में जुटी हुई थी. मुंबई में छठ पूजा का कार्यक्रम 28 से 31 अक्टूबर के बीच 81 जगहों पर होने वाला है. इसके लिए मुंबई पुलिस पूरी तैयारी कर ली है.
क्या कहा ज्वाइंट कमिश्नर विश्वास नांगरे पाटिल ने?
दरअसल, छठ महापर्व में लोगों के साथ-साथ पुलिस ने भी तैयारी पहले से ही शुरू कर दी थी. पुलिस ने छठ महापर्व पर घाटों की सुरक्षा को लेकर तैयारी कर रही थी. मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर विश्वास नांगरे पाटिल ने बताया कि मुंबई में छठ पूजा का कार्यक्रम 28 से 31 अक्टूबर के बीच 81 जगहों पर होने वाला है. 30 को रविवार होने की वजह से मुंबई में काफी भीड़ होने की संभावना है खासतौर से जुहू-चौपाटी इलाके में जिसके लिए हमने पर्याप्त बंदोबस्त किया है.
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31 अक्टूबर को है हाई टाइड की संभावना
पाटिल ने कहा कि 31 अक्टूबर को हाई टाइड भी है, इसलिए सुरक्षा को देखते हुए हम लाइफ गार्ड लगा रहे हैं. छठ पूजा के दिन महिलाओं की भीड़ को देखते हुए और उनकी सुरक्षा के लिए हम बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी और अधिकारियों को लगा रहे हैं.
बता दें कि चार दिन चलने वाले इस छठ महापर्व व्रर्ती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. महिलाओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका घाटों पर लाइट आदि की व्यवस्था की है. प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे को भी लगाया है.
36 घंटे का होता है निर्जल उपवास
नहाय-खाय के दौरान व्रती अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी और धनिया के पत्ते की चटनी का भोग लगाते हैं. सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन यानी शनिवार को व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाएगा. खरना में दूध, अरवा चावल और गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है.
खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपावास शुरू हो जाएगा, जो 30 अक्टूबर की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य और 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा.