Maharashtra: महाराष्ट्र में आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Shivaji Maharaj Jayanti) के अवसर पर काफी उत्साह का माहौल है. प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने 'शिवाजी महाराज जयंती' के अवसर पर चेंबूर में शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. सीएम शिंदे ने नमन करते हुए उनकी प्रतिमा पर फूल चढ़ाए. इस दौरान उनके कई समर्थक भी मौजूद रहे. महाराष्ट्र के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में भी छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. कई जगहों पर सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. 


महाराष्ट्र के नागपुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती के मौके पर लोगों में जश्न का माहौल दिख रहा है. लोगों ने सड़कों पर ढोल बजाया और आरती की. छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन, आदर्श और शिक्षाएं सभी को प्रेरित करती रही हैं. जानकारी के मुताबिक आगरा किले के दीवान-ए-आम में भी सोमवार (19 फरवरी) की शाम को छत्रपति शिवाजी महाराज की 394 वीं जयंती के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत कई नेता और अन्य लोग मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र का गीत गायन भी होगा.


पुणे में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था जन्म


शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के पुणे में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. इस महान योद्धा और शूरवीर का पूरा नाम शिवाजी राजे भोंसले था. शिवाजी के पिता का नाम शाहाजी था. उनकी माता का नाम जीजाबाई था. बताया जाता है कि छत्रपति शिवाजी की मां जीजाबाई काफी धार्मिक प्रवृति की महिला थीं. शिवाजी पर उनकी मां जीजाबाई के धार्मिक गुणों का बेहद ही गहरा प्रभाव था.









धार्मिक, राजनीतिक और युद्ध कौशल में पारंगत


कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रारंभिक शिक्षा उनके घर पर ही दी गई थी. उन्हें धार्मिक से लेकर राजनीतिक और युद्ध कौशल में पारंगत किया गया. शिवाजी की मां जीजाबाई और कोंडदेव ने उन्हें महाभारत, रामायण और कई दूसरे प्राचीन भारतीय ग्रंथों से परिचित कराकर उन्हें इस माहौल में शिक्षित किया. शिवाजी ने कई युद्ध लड़े और काफी संघर्ष किया. उन्होंने 1659 में प्रतापगढ़ का युद्ध, 1664 में सूरत का युद्ध, 1665 में पुरंदर समेत कई युद्ध लड़े और जीत हासिल की.


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