Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ महीने पहले सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में अनावरण की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की कांस्य प्रतिमा हाल ही में ढह गई. इस घटना के बाद मूर्तिकार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल इंजीनियर चेतन पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की संभावना है. जयदीप आप्टे कल्याण के निवासी हैं और वो फिलहाल फरार हैं. उनके घर पर ताला लगा हुआ है. अब यह सवाल उठ रहा है कि जयदीप आप्टे कहां हैं?


हत्या के प्रयास का मामला दर्ज
सिंधुदुर्ग पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें गैर इरादतन हत्या का प्रयास, दूसरों के जीवन या सुरक्षा को खतरे में डालना, हत्या का प्रयास और धोखाधड़ी शामिल हैं.


मूर्तिकार और सलाहकार के खिलाफ धारा 109 (हत्या का प्रयास), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 318 (धोखाधड़ी और जालसाजी), और भारतीय न्याय संहिता की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.


ABP माझा के अनुसार, जयदीप आप्टे को भारतीय नौसेना द्वारा राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की कांस्य प्रतिमा स्थापित करने का काम सौंपा गया था. हालांकि उनके पास इतने बड़े प्रोजेक्ट का अनुभव नहीं था. उन्होंने यह प्रतिमा मात्र छह से सात महीनों में तैयार की थी. इस घटना के बाद, कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी किस आधार पर दी गई. राज्य भर में शिव भक्तों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है.


जयदीप आप्टे का संबंध कल्याण से है, जहां उनके सामने एक प्रसिद्ध मूर्तिकार सदाशिव साठे का स्टूडियो है. उनके प्रभाव के कारण जयदीप ने आठवीं कक्षा में कला के क्षेत्र में करियर बनाने का निर्णय लिया. जयदीप ने सुभेदार वाडा हाई स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई की और इसके बाद रहेजा स्कूल ऑफ आर्ट से कमर्शियल आर्ट में डिप्लोमा और जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से मूर्तिकला में डिप्लोमा प्राप्त किया.


मालवण के राजकोट किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना महाराष्ट्र में एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है. खबर है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य सरकार से इस मामले को गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ संभालने की अपेक्षा की थी. इस हादसे के बाद महागठबंधन सरकार के मंत्रियों ने तुरंत जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और कहा कि प्रतिमा की जिम्मेदारी नौसेना की है. राज्य सरकार का दावा है कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ हवा के कारण प्रतिमा को नुकसान पहुंचा होगा, लेकिन बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि सरकार को इस मामले को बिना किसी आरोप-प्रत्यारोप के शांति से संभालना चाहिए था.


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