Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue Collapsed: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार (26 अगस्त) को ढह गई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा है कि तेज हवा की वजह से शिवाजी महाराज की मूर्ति गिर गई. वहीं, विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रदेश की सरकार को घेरते हुए खरी खोटी सुनाई.
45 किमी प्रति घंटा की तेज हवाओं से गिरी मूर्ति- सीएम
महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने कहा, "जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण है. छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के पूजनीय देवता हैं. यह प्रतिमा नौसेना द्वारा बनाई गई थी. उन्होंने इसे डिजाइन भी किया था लेकिन लगभग 45 किमी प्रति घंटा की तेज हवाओं के कारण यह गिर गया और क्षतिग्रस्त हो गया.''
फिर से स्थापित करेंगे मूर्ति- सीएम
उन्होंने आगे कहा, ''कल (मंगलवार) को पीडब्ल्यूडी और नौसेना के अधिकारी घटनास्थल का दौरा करेंगे और इसके पीछे के कारण की जांच करेंगे. जैसे ही मैंने घटना के बारे में सुना, मैंने लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण को घटनास्थल पर भेजा. हम इसके पीछे के कारणों का पता लगाएंगे और महाराष्ट्र के पूज्य देवता छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को उसी स्थान पर फिर से स्थापित करेंगे."
संजय राउत ने PWD मंत्री का मांगा इस्तीफा
उधर, इस मामले पर प्रदेश में सियासत गरमा गई है. विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर हमला बोला है. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने PWD मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. संजय राउत ने कहा, ''यह सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज को भी मान्य नहीं है, इतनी भ्रष्टाचारी सरकार है. इनके भ्रष्टाचार से यह दुर्घटना हुई है''.
भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी नहीं बख्शा- कांग्रेस
इस घटना के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार की आलोचना की और आरोप लगाए कि भ्रष्टाचार के मामले में महापुरुषों को भी नहीं बख्शा जा रहा है. एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा, ''राज्य सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने उचित देखरेख नहीं की. सरकार ने काम की गुणवत्ता पर बहुत कम ध्यान दिया.''
4 दिसंबर 2023 को पीएम मोदी ने किया था अनवारण
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर पिछले साल चार दिसंबर को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था. वह किले में आयोजित समारोहों में भी शामिल हुए थे.
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