छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को लेकर विपक्ष हमलावर, क्या बोले डिप्टी CM फडणवीस?
Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue: महाराष्ट्र के सिद्धुदुर्घ में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने की घटना पर सियासत तेज हो गई है. अब डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी.
Maharashtra News: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर सियासी बयानबाजी जारी है. दरअसल, सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी की 35 फुट ऊंची प्रतिमा ढह गई. इसको लेकर विपक्ष महायुति सरकार पर हमलावर है तो इस पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने प्रतिक्रिया दी है. फडणवीस ने कहा, ''इस पर जो ओछि राजनीति चल रही है वह दुखद है.''
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''शिवाजी महाराज का पुतला इस प्रकार से नीचे आना हम सभी के लिए दुखद घटना है. लेकिन इस पर जो ओछि राजनीति चल रही है इस पर उससे भी ज्यादा दुखद है. यह पुतला राज्य सरकार ने नहीं बनवाया था. यह नेवी ने बनाई थी. हो सकता है जिनको काम दिया होगा उनको ये ना पता हो कि यहां पर कितने जोरों से हवाएं चलती हैं. समुद्र के किनारे पर किस तेजी से लोहा जंग खाता है.''
VIDEO | "The collapse of Chhatrapati Shivaji Maharaj's statue is a very sad incident for all of us, but the politics being played over this is even more unfortunate. This statue was not a sculpture prepared by the state government; it was created by the Navy...The statue's… pic.twitter.com/fwMUWK1Bfz
— Press Trust of India (@PTI_News) August 27, 2024
नेवी की मदद से बनाया जाएगा भव्य पुतला - फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, '' जो भी कारण हो यह पुतला नीचे आना दुख की बात है. नेवी की मदद से बहुत ही भव्य पुतला लगाया जाएगा.'' इस प्रतिमा का पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में अनावरण किया था. इस घटना पर विपक्षी शिवसेना-यूबीटी के सांसद संजय राउत ने पीडब्ल्यूडी मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि इनके (सरकार) भ्रष्टाचार से यह दुर्घटना हुई है.
सरकार ने नहीं की देखरेख- शरद पवार गुट
डिप्टी सीएम से पहले सीएम एकनाथ शिंदे का भी इस पर बयान आया था और उन्होंने कहा था कि पीडब्ल्यूडी और नौसेना के अधिकारी घटनास्थल का दौरा करेंगे और इसके पीछे की वजह का पता लगाएंगे. सीएम शिंदे ने कहा था कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल रही थी जिस वजह से यह पुतला गिर गया. जबकि शरद पवार गुट ने महायुति सरकार पर पुतले की देखरेख ठीक से नहीं करने का आरोप लगाया है.
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