Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue News: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उद्धव गुट के सांसद और शिवसेना (UBT) प्रवक्ता ने इस घटना को लेकर सीएम एकनाथ शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने पीएम मोदी को लेकर भी बड़ा बयान दिया है.


उद्धव गुट ने महायुति को घेरा
संजय राउत ने कहा, कुछ लोगों के मन में सत्ता का नशा इस कदर चढ़ गया है कि उन्हें अब जमीन पर टिकना मुश्किल हो रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री ने सिंधुदुर्ग किले पर भारतीय सेना के एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया था. ये उद्घाटन जल्दबाजी में किया गया. कोल्हापुर के संभाजी राजे छत्रपति समेत कई लोगों ने इस जल्दबाजी पर सवाल उठाए थे, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया.


सांसद संजय राउत ने सीएम शिंदे पर आरोप लगाते हुए कहा कि, इस कार्यक्रम से जुड़े सभी ठेकेदार मुख्यमंत्री के करीबी थे. नतीजतन, वहां लगाए गए छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा अब टूट चुकी है. यह घटना महाराष्ट्र के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी है. शिवाजी महाराज की प्रतिमा का टूटना न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर का नुकसान है, बल्कि राज्य की प्रतिष्ठा पर भी आघात है. प्रशासन अब बहाने बना रहा है कि हवा तेज थी, लेकिन सच तो यह है कि हवा उनके दिमाग में घुस गई है.


पूर्व पीएम नेहरु का किया जिक्र
राउत ने आगे कहा, इतिहास में झांकें तो 1933 में गिरगांव चौपाटी पर समुद्र के किनारे लोकमान्य तिलक की प्रतिमा स्थापित की गई थी, जो आज भी मजबूती से खड़ी है. छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतापगढ़ किले पर भी एक प्रतिमा है, जिसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने किया था. वह प्रतिमा आज भी वहां खड़ी है. लेकिन केवल 8 महीने पुरानी प्रतिमा का गिर जाना एक बड़ा झटका है, जो भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करता है.


शिवाजी महाराज जैसे महानायक के नाम पर हो रहे इस भ्रष्टाचार ने पूरे महाराष्ट्र को शर्मसार कर दिया है. महाविकास आघाड़ी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इस पर आगे कड़े कदम उठाने की योजना बना रही है.


पीएम मोदी पर बोला हमला
मराठी में एक कहावत है, "हाथ लावेन ठीठे सोना होत," यानी जहां भी हाथ लगाओ, वहां सोना हो जाता है. लेकिन आज स्थिति इसके बिल्कुल उलट हो गई है. प्रधानमंत्री जहां भी हाथ लगाते हैं, वहां सबकुछ खराब हो जाता है. चाहे वह अयोध्या का राम मंदिर हो या संसद भवन, हर जगह समस्याएं ही सामने आ रही हैं. पुलों का उद्घाटन हो या अन्य परियोजनाएं, सब में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था नजर आ रही है. देश भी अब इस स्थिति से उध्वस्त हो रहा है. यह स्थिति न तो श्रद्धा है और न ही अंधश्रद्धा. यह एक गंभीर समस्या है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.


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