Chhatrapati Shivaji Maharaj Statue: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में राजनीतिक तनाव का माहौल बना हुआ है, जहां उद्धव ठाकरे और राणे के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं. यह विवाद तब उभर कर आया जब छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद आदित्य ठाकरे ने राजकोट किले का दौरा किया. उसी दौरान सांसद नारायण राणे और उनके बेटे भी वहां पहुंच गए जिसके बाद राणे समर्थकों ने आदित्य ठाकरे का रास्ता रोक दिया. दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की स्थिति बन गई.


छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने की घटना के बाद निरीक्षण करने के लिए शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे किले पहुंचे थे. जैसे ही उन्होंने प्रवेश किया, वहां का माहौल गर्मा गया. आदित्य ठाकरे के खिलाफ नारेबाजी होने लगी जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई.


इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया कि 24 साल के युवक को ठेका किसने दिया? वह फरार है और उसे भागने में किसने मदद की? उन्होंने PWD मंत्री के खिलाफ FIR दर्ज होने की बात भी उठाई और इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. आदित्य ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे किले के भीतर राजनीति न करें और इस विवाद में न उलझें. उन्होंने कहा कि इस तरह के बचकानेपन से दूर रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को चुनाव से पहले दिसंबर में बुलाकर खुश करने की कोशिश की गई थी.


उधर, बीजेपी सांसद नारायण राणे भी अपने समर्थकों के साथ मालवण के राजकोट किले में पहुंचे. जब वे निरीक्षण के बाद लौट रहे थे तब MVA के नेता वहां पहुंचे. इस दौरान आदित्य ठाकरे, विनायक राऊत और विधायक वैभव नाइक भी वहां मौजूद थे. दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच हल्की बहस हुई, लेकिन पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया और दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की. नारायण राणे ने कहा कि वे अपने क्षेत्र में हैं और अगर बाहरी लोग आकर यहां उत्पात मचाएंगे और पुलिस उन्हें सुरक्षा देगी तो वे पीछे नहीं हटेंगे.


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