Maharashtra News: महाराष्ट्र (Maharashtra) के शहर और औद्योगिक विकास निगम (City and Industrial Development Corporation) में भर्ती में कथित अनियमितता का मामला सामने आने के बाद पिछले 10 सालों में हुई भर्तियों का अंकेक्षण (ऑडिट) करने का आदेश दिया गया है. सिडको के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. सिडको के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ संजय मुखर्जी ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि 15 दिन पहले, उन्हें नगर नियोजन एजेंसी में गैर-मौजूद कर्मचारियों के भुगतान की शिकायतें मिलीं.


मुखर्जी ने तुरंत अपने मुख्य सतर्कता अधिकारी के माध्यम से इसकी जांच का आदेश दिया. उनके मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ कि घोटाला 2017 से हो रहा था. मुखर्जी ने बताया सिडको में नामांकित 28 'फर्जी' लोगों की पहचान की गई है. उन्होंने बताया कि एजेंसी के मानव संसाधन (एचआर) विभाग का एक अधिकारी भी इस रैकेट का हिस्सा था क्योंकि भर्तियां उसके हस्ताक्षर से की गई थीं.


 कुल 2.80 करोड़ रुपये की जालसाजी हुई
मुखर्जी ने कहा, 'यह फर्जी हस्ताक्षर हो सकता है, लेकिन दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर हैं. कुल 2.80 करोड़ रुपये की जालसाजी हुई है.' उन्होंने बताया कि वे इस मामले में पुलिस से संपर्क करेंगे. मुखर्जी ने कहा कि जालसाजी की विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक हमने एक अधिकारी की पहचान की है, लेकिन धोखाधड़ी में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’’


मुखर्जी ने आगे कहा कि उन्होंने सिडको में की गई भर्तियों के विस्तृत ऑडिट का भी आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट अगले एक महीने में पूरी की जानी चाहिए. बता दें सिडको में चल रहे इस घोटाले का पता उस समय चला जब एक युवक ने सिडको के लेखा विभाग को ये सूचना दी कि वो कर्मचारी नहीं है. फिर भी उसे सिडको की ओर से वेतन दिया जा रहा है.


Aaditya Thackeray: 'मेरे दोस्त पिक्चर अभी...', सीएम शिंदे पर लगे आरोप के बाद नितेश राणे की उद्धव गुट को खुली चेतावनी