Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर पोस्ट करते सीएम शिंदे ने कहा कि कुछ नेता हताश और हारी हुई मानसिकता से संगठन चला रहे हैं. हाथ में कटोरा लेकर मुख्यमंत्री पद को दिल्ली का चेहरा बनाने की मांग करना भीख मांगना है. जो लोग वसूली के मामले में जेल गए और किसानों के बैंक निगलने के आरोप में अदालत से सजा पाए, उनके बगल में बैठकर भ्रष्टाचार की बात करने जैसी कोई बात नहीं है.


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने यह स्वीकार करके लोगों को ठीक किया कि वह उन्हें कुछ नहीं दे पाएगा. वे किसी को कुछ देना नहीं जानते, वे सिर्फ लेना जानते हैं, उनके पास दान नहीं है. अपनी प्यारी बहनों को दिए गए पंद्रह सौ रुपये भी आंखों में चुभते हैं. बहन को हाथ हिलाने की संस्कृति उन्हें स्वीकार नहीं? यही कारण है कि अब हमें इतना कुछ मिलता है.


बॉडी बैग से भी कमीशन लेते हैं- शिंदे


शिंदे ने कहा, "उनका कहना है कि वे बहनों को इतने पैसे भी नहीं देंगे. महिलाओं के प्रति उनका प्रेम उनके हिंदुत्व जितना ही खराब है, क्या जो लोग कोविड मरीजों के मुंह का खाना खाते हैं, बॉडी बैग से भी कमीशन लेते हैं, उन्हें भ्रष्टाचार शब्द कहने की हिम्मत करनी चाहिए?  असली महाराष्ट्रीयन वे हैं, जो राज्य में बुनियादी सुविधाओं को गति देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिए गए समर्थन का उपहास और विरोध करते हैं और इसे भीख मांगना कहते हैं."


यही नहीं उन्होंने कहा कि ध्यान रखें कि आपने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की, लेकिन पैसा हमारी सरकार ने चुकाया. कुछ लोगों को आईने में देखना चाहिए कि क्या वे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बारे में बात करने के लायक हैं. क्या जो लोग कहते हैं कि बालासाहेब ने राजनीति और हिंदुत्व में गलती की, उन्हें उनका नाम लेने का नैतिक अधिकार है? हिंदुत्व शब्द अब उनके मुंह में नहीं समाता., जो लोग चुनाव से डरते हैं, उन्हें जमानत जब्त होने की बात नहीं करनी चाहिए, नहीं तो चुनाव मैदान में उतरें.


'मेरी कठपुतली खो गई, मेरी परछाई खो गई'


सीएम शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र कठोर, बीहड़, बीहड़ लोगों का प्रदेश है. मेरी कठपुतली खो गई, मेरी परछाई खो गई जैसी भूख फैलाने वाले नेता यहां लोगों को पसंद नहीं आते. लोग इन बेघर लोगों को हमेशा के लिए दोबारा घर नहीं बना पाएंगे. नागपुर में संघ नेताओं से पूछा गया कि क्या बीजेपी का हिंदुत्व स्वीकार्य है. आपने हिंदुत्व के आधार पर अपनी खुद की शिवसेना बनाई है. पहले इसे लोगों के सामने स्वीकार करें.


बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि बंद कमरे में हुई एक बैठक में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को विपक्षी खेमे में सेंध लगाने के लिए कहा गया. उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पूछा कि क्या वे बीजेपी के हिंदुत्व से सहमत हैं, जिसमें अन्य दलों को तोड़ना और विपक्षी नेताओं को अपने पाले में लाना शामिल है.