CM Eknath Shinde Files Nomination: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. कोपरी पाचपाखाड़ी सीट से उम्मीदवार एकनाथ शिंदे ने पर्चा भर दिया है. उनके साथ उनके परिजन और डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद हैं. इसके बाद ठाणे में एकनाथ शिंदे की शिवसेना का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला. 


नामांकन स्थल पर सीएम एकनाथ शिंदे का समर्थन करने के लिए शिवसेना के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद हैं. नामांकन दाखिल करने के बाद शिवसेना के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर बड़ी रैली निकाली गई. इस दौरान सीएम के नेता, विधायक और सांसद सभी मौजूद रहे.


एकनाथ शिंदे कोपरी पाचपाखाड़ी सीट से लगातार जीतते आए हैं और एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं. उनके सामने उद्धव गुट के केदार दिघे चुनावी मैदान में हैं. कहा जा सकता है कि ठाणे उनका घर भी है और गढ़ भी. इस बीच शिवसेना नेताओं का कहना है कि इस बार 100 फीसदी नहीं बल्कि हजार फीसदी तय है कि एकनाथ शिंदे ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे. उन पर बालासाहेब ठाकरे और महाराष्ट्र की जनता का आशीर्वाद है. 




एकनाथ शिंदे पूरा कर पाएंगे विधायकों को दिया वादा?
मालूम हो, उद्धव ठाकरे से बगावत के बाद यह चुनाव एकनाथ शिंद के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. लोकसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के सात सांसद चुनकर आए हैं. हालांकि, बगावत के बाद जब एकनाथ शिंदे पहली बार विधानसभा में गए थे तो उन्होंने अपने विधायकों को शब्द दिया था कि वह 40-40 विधायकों को वापस जिताएंगे, नहीं तो खेती करने जाएंगे. अब यह देखने वाली बात है कि क्या वह इस वादे पर कायम रह पाते हैं?


एकनाथ शिंदे ने उतारे 80 उम्मीदवार
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के लिए यह चुनाव इतना आसान भी नहीं है. एमवीए बनाम एनडीए की लड़ाई के साथ-साथ इसमें मनसे से भी मुकाबला है. एमवीए और महायुति दोनों का सीट शेयरिंग फॉर्मूला अभी तय नहीं हुआ है. हालांकि, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारने को मिला है. अब वादे के अनुसार, इन 80 में से 40 सीटों पर उन्हें जीत चाहिए जो कि एक बड़ी चुनौती है. 


अभी भी सीट शेयरिंग नहीं फाइनल
नामांकन को भले ही एक दिन बचा हो लेकिन महायुति और महाविकास अघाड़ी, दोनों ही गठबंधन में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां औपचारिक रूप से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. अब उम्मीद की जा रही है कि बची हुई सीटों पर सोमवार (28 अक्टूबर) की देर रात तक प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया जाएगा. माना जा रहा है कि अब तक सभी 288 उम्मीदवार फाइनल न हो पाने की वजह गठबंधन के सहयोगी दलों में बात न बन पाना हो सकता है. वहीं, यह भी कहा जा सकता है कि बागियों से बचने की रणनीति के तहत उम्मीदवारों के ऐलान के लिए आखिरी समय का इंतजार किया जा रहा है. 


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