Maharashtra Politics: औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों का नाम बदलने पर सीएम एकनाथ शिंदे ने दी पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
एमवीए सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया गया, लेकिन शिंदे सरकार ने इसके आगे ‘छत्रपति’ भी जोड़ दिया.
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Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने का निर्णय महा विकास आघाड़ी (एमवीए) ने तब लिया था जब उसकी सरकार अल्पमत में थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे पक्का कर दिया है.
शिंदे यहां शुक्रवार रात औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने को लेकर जारी अधिसूचना के बारे में बोल रहे थे. ये जिले मराठवाड़ा क्षेत्र का हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसे (नाम बदलने को) पक्का कर दिया है. पिछली एमवीए सरकार ने यह निर्णय तब लिया था जब वे अल्पमत में थे और उनकी सरकार गिरने वाली थी. लेकिन हमने इसे पक्का कर दिया है और अब नाम बदलने में बाधाएं हैं.’’
औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला पूर्ववर्ती एमवीए सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में लिया गया था. इस बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 29 जून 2022 को इस्तीफा देने से ठीक पहले उनकी अध्यक्षता में हुई थी.
इसके एक दिन बाद शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि इन जिलों का नाम बदलने का ठाकरे सरकार का फैसला अवैध है, क्योंकि राज्यपाल ने उन्हें राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, जिसके बाद उन्होंने यह फैसला किया था.
पिछले साल जुलाई में, शिंदे नीत सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों का नाम बदलकर क्रमशः छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने को कैबिनेट की मंजूरी दे दी थी.
श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप
एमवीए सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया गया, लेकिन शिंदे सरकार ने इसके आगे ‘छत्रपति’ भी जोड़ दिया.
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट की वर्तमान सरकार ने हर साल 17 सितंबर को मनाए जाने वाले मराठवाड़ा मुक्ति दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए शनिवार को छत्रपति संभाजीनगर में एक विशेष कैबिनेट बैठक की.
शिंदे ने 14,000 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजनाओं के लिए संशोधित प्रशासनिक मंजूरी के अलावा मराठवाड़ा क्षेत्र के विकास के लिए 45,000 करोड़ रुपये के पैकेज की भी घोषणा की. वहीं, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने वर्तमान सरकार पर नाम बदलने का श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
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