Maratha Reservation: महाराष्ट्र (Maharashtra) में मराठा समुदाय को आरक्षण देने का मामला इन दिनों काफी गर्म है. वहीं इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने युवाओं से आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाने का आग्रह किया. शिंदे ने यहां भवानी चौक में नवरात्रि से संबंधित कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ऐसे कदम उठाने से पहले अपने माता-पिता, परिवार, रिश्तेदारों, बच्चों और दोस्तों के बारे में सोचें.
19 अक्टूबर को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता सुनील कावले का शव मुंबई के बांद्रा इलाके में एक फ्लाईओवर के किनारे लाइट के खंभे से लटका हुआ मिला था. उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें समुदाय को आरक्षण देने की मांग की गई थी. शिंदे ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को कानून के दायरे में आरक्षण देने की पूरी कोशिश कर रही है. राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में उपचारात्मक याचिका दायर की, जिसे 13 अक्टूबर को स्वीकार कर लिया गया. आत्महत्या जैसा कदम न उठाएं. ऐसी कार्रवाई बहुत पीड़ादायक और दुखद होती है.
नोज जारांगे पाटिल ने की ये घोषणा
वहीं मनोज जारांगे पाटिल ने घोषणा कि है की अगर 24 अक्टूबर तक मराठा आरक्षण का एलान नहीं किया गया तो वह 25 अक्टूबर से वो अपनी भूख हड़ताल फिर से शुरू करेंगे. जारांगे ने विश्वास व्यक्त किया कि शांतिपूर्ण विरोध मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाएगा. जारांगे ने ऐलान किया कि मंत्री, विधायक, सांसद, प्रशासन के लोगों की बाड़ाबंदी की जायेगी. बता दें महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में की जा रही ये आरक्षण की मांग काफी पुरानी है. सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए साल 1997 में पहला बड़ा मराठा आंदोलन किया गया था.