Maharashtra: मनोज जरांगे पाटिल के आरोपों पर CM शिंदे की प्रतिक्रिया, बोले- 'धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए'
Maratha Reservation: मनोज जरांगे पाटिल के आक्रामक रुख और उनके भाषणों में अपशब्दों के इस्तेमाल पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
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Eknath Shinde On Manoj Jarange Patil: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने रविवार (25 फरवरी) को मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे की ओर से लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की निंदा की है. उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम फडणवीस के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने के बाद उन्हें उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. जरांगे को जवाब देते हुए शिंदे ने एनसीपी (SCP) के प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा.
अंतरवाली सारथी में बोलते हुए, जरांगे ने कहा था कि फडणवीस उन्हें मारने की कोशिश कर रहे थे. जारांगे ने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और डिप्टी सीएम के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. जरांगे ने आरोप लगाया कि उन्हें सलाइन के माध्यम से जहर देने का प्रयास किया गया था.
'सरकार के धैर्य की परीक्षा न लें'
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो लोग सरकार के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. उन्हें कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए. मुझे आश्चर्य है कि जरांगे का भाषण आम तौर पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली स्क्रिप्ट जैसा क्यों दिखता है. वह महाराष्ट्र विधानमंडल के सत्र की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. राज्य विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार से 1 मार्च तक चलेगा
जरांगे के आक्रामक रुख पर शिंदे क्या बोले?
जरांगे के आक्रामक रुख और उनके भाषणों में अपशब्दों के इस्तेमाल पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि यह एक साजिश चल रही है और इसे जल्द ही उजागर किया जाएगा. सीएम ने कहा, ''पहले, मैं मानता था कि जरांगे मराठा समुदाय के लिए लड़ने वाला एक सच्चा व्यक्ति है. लेकिन आज उनकी ओर से कहे गए शब्द राज्य की राजनीतिक संस्कृति से मेल नहीं खाते. मुझे आश्चर्य है कि क्या कोई उसे ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए उकसा रहा है.
क्या मराठा आरक्षण के खिलाफ थे फडणवीस?
शिंदे ने ये भी कहा कि अगर फडणवीस मराठा आरक्षण के खिलाफ थे तो उन्होंने 2018 में एक आयोग क्यों बनाया था और समुदाय के लिए आरक्षण के लिए एक विधेयक क्यों पारित कराया. इस कानून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था. उन्होंने सीएम के रूप में अविभाजित शिवसेना का नेतृत्व करने वाले उद्धव ठाकरे के कार्यकाल का जिक्र करते हुए पूछा, तब मुख्यमंत्री कौन थे? जब सुप्रीम कोर्ट ने मराठा को अनुदान देने के राज्य के कदम को खारिज कर दिया था. उस समय शिंदे ठाकरे कैबिनेट में शहरी विकास मंत्री थे. शिंदे मराठा आरक्षण के लिए गठित एक उप-समिति के सदस्यों में से एक थे, जिसके अध्यक्ष तत्कालीन कांग्रेस के अशोक चव्हाण थे, जो अब बीजेपी में हैं.
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
इससे पहले, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार को जरांगे के पीछे के लोगों के बारे में अच्छी जानकारी है. उन्होंने कहा कि विवरण उचित समय पर सामने आएगा. जरांगे की इस घोषणा के बारे में पूछे जाने पर कि वह फडणवीस के बंगले के सामने विरोध करने के लिए मुंबई तक मार्च करेंगे. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि यह उनका आधिकारिक आवास है और किसी भी तरह का काम वाला कोई भी व्यक्ति यहां आ सकता है. इस बीच जारांगे के अचानक मुंबई जाने की घोषणा ने उनके समर्थकों को भी चौंका दिया है.
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