Governor Remark Row: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा है कि वह मुंबई पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं. सीएम ने कहा कि शहर के विकास में मराठी लोगों द्वारा किए गए योगदान को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर काबिज हैं और उन्हें अपने बयानों से किसी को ठेस न पहुंचाने के लिए सावधान रहना चाहिए.
बता दें कि राज्यपाल कोश्यारी ने शुक्रवार शाम यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मुंबई में कोई पैसा नहीं बचेगा और अगर गुजराती और राजस्थानी लोग शहर में नहीं होंगे तो यह देश की आर्थिक राजधानी नहीं रहेगी. जब उनकी इस टिप्पणी पर हंगामा मचा तो, राज्यपाल ने शनिवार को कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया और कहा कि उनका "मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कम करने का कोई इरादा नहीं था".
सीएम शिंदे ने राज्यपाल को लेकर कही ये बात
नासिक जिले के मालेगांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "हम (मुंबई पर) कोश्यारी के विचार से सहमत नहीं हैं. यह उनका निजी विचार है. उन्होंने अब एक स्पष्टीकरण जारी किया है. वह एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके कार्य क्या हैं और दूसरों का अपमान नहीं करना चाहिए." उन्होंने कहा कि "मराठी समुदाय की कड़ी मेहनत ने मुंबई के विकास और प्रगति में योगदान दिया है. यह अपार संभावनाओं वाला एक महत्वपूर्ण शहर है. पूरे देश के लोगों ने इसे अपना घर बनाने के बावजूद, मराठी लोगों ने अपनी पहचान और गौरव को बनाए रखा है और उनका अपमान नहीं होना चाहिए.''
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी जताई असहमति
शिंदे ने कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र की राजधानी बनाने के आंदोलन में 105 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी और शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे ने शहर की मराठी पहचान को बनाए रखने में भूमिका निभाई. मुख्यमंत्री ने कहा, "मुंबई और मराठी लोगों का कोई अपमान नहीं कर सकता. मुंबई ने कई आपदाओं का सामना किया लेकिन यह कभी नहीं रुकता, यह चौबीसों घंटे काम करता रहता है और हजारों लोगों को रोजगार, आजीविका देता है." इस बीच, धुले में पत्रकारों से बात करते हुए, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मराठी भाषी लोगों के पास महाराष्ट्र के विकास और विकास में बड़ी हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा, "यहां तक कि औद्योगिक क्षेत्र में भी मराठी भाषी लोगों ने वैश्विक कदम उठाए हैं. हम राज्यपाल की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं."