Bal Thackeray Memorial: एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना (Shiv Sena) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता गुरुवार को आमने-सामने आ गए और पार्टी के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के स्मारक पर एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाए. बाल ठाकरे की 11वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को मनाई जाएगी. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया. शिंदे नीत धड़े के कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए कि पार्टी उनकी है जबकि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के सदस्यों ने इसके जवाब में ‘‘गद्दारों वापस जाओ’’ के नारे लगाए.


घटना उस वक्त हुई जब मुख्यमंत्री शिंदे, बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि देने दादर के शिवाजी पार्क स्थित स्मारक पहुंचे. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कानून व्यवस्था बनाये रखना सभी की जिम्मेदारी है. कानून-व्यवस्था की कोई समस्या न हो यह सुनिश्चित करने के लिए मैं एक दिन पहले श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मैं शांति भंग करने के प्रयास की निंदा करता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही मैं वहां से निकला अनिल देसाई और अनिल परब (उद्धव ठाकरे नीत गुट के नेता) अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और मेरे खिलाफ नारे लगाए. अनावश्यक रूप से शांति भंग करने का प्रयास किया गया.’’


बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को हुआ था
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर बनाने के दिवंगत शिवसेना संस्थापक के सपने को पूरा किया है. उन्होंने बताया कि इसका उद्घाटन दिवंगत बाल ठाकरे की जयंती की पूर्व संध्या पर किया जाएगा. ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को हुआ था, जबकि अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार बाल ठाकरे के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए काम कर रही है. शिवसेना के प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने कहा कि पिछले साल की तरह मुख्यमंत्री शिंदे ने किसी भी टकराव से बचने के लिए पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर शिवाजी पार्क स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.


प्रवक्ता ने कहा कि शिंदे के साथ वरिष्ठ नेता भी थे. हेगड़े ने आरोप लगाया, ‘‘हमने (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद अनिल देसाई और विधान पार्षद अनिल परब को आते देखा. उनके आने से पहले तक सब कुछ शांतिपूर्ण था. वे शांतिपूर्ण और इस अहम अवसर को बाधित करने के लिए लोगों के एक समूह के साथ आए थे. यह हंगामा और कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा करने का जानबूझकर किया गया एक प्रयास था.’’ एक अधिकारी ने कहा कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी और मुंबई के सभी क्षेत्रों के अतिरिक्त आयुक्त कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर हैं.  उन्होंने बताया कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए शिवाजी पार्क में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है.


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