Maharashtra News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा लिए गए एक फैसले के बाद पिछले कुछ दिनों से राज्य में मस्जिदों पर लाउडस्पीकर का मुद्दा अब सामने आ गया है. सत्ता पक्ष और विपक्ष अब इस फैसले के लिए एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में 11,000 से अधिक धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं और 35,000 से अधिक स्थानों पर लाउडस्पीकरों की आवाज को नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है.


उत्तर प्रदेश में इन घटनाक्रमों के आधार पर बीजेपी नेता व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए लाउडस्पीकर की कार्रवाई के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना की. अमृता ने ट्विटर पर लिखा, "ऐ ‘भोगी’ , कुछ तो सीख हमारे ‘योगी’ से !".



सुप्रिया सुले ने दिया ये जवाब


अमृता की टिप्पणी को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता सुप्रिया सुले से ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया. इन सभी मुद्दों पर बोलते हुए सुप्रिया ने कहा, "मैं आपको सच बताऊंगी, मैं ट्विटर पर अमृता को फॉलो नहीं करती हूं. जैसा कि मैंने पहले कहा, मेरे पास करने के लिए इतना काम है कि मेरे पास अन्य चीजों को करने के लिए ज्यादा समय नहीं है."


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लाउडस्पीकर को लेकर क्यों छिड़ा है विवाद


दरअसल, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 12 अप्रैल को ठाणे में अपनी विशाल रैली के दौरान मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग रखी थी. लाउडस्पीकर विवाद को धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा बताते हुए उन्होंने कहा, 'मैं राज्य सरकार को बताना चाहता हूं, हम इस विषय पर पीछे नहीं हटेंगे, आप जो करना चाहते हैं वह करें." 17 अप्रैल को अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए, मनसे प्रमुख ने कहा था कि हम दंगे नहीं चाहते हैं. किसी ने भी नमाज़ अदा करने का विरोध नहीं किया है. लेकिन अगर आप (मुसलमान) लाउडस्पीकर पर करते हैं, तो हम लाउडस्पीकर का भी इस्तेमाल करेंगे. मुसलमानों को चाहिए समझें कि धर्म कानून से बड़ा नहीं है.


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