Maharashtra News: महाराष्ट्र में डूबते मालवाहक जहाज से तटरक्षक बल ने 19 लोगों को बचाया, इस तरह से ऑपरेशन को दिया अंजाम
Ratnagiri जिले में एक मालवाहक जहाज से 19 लोगों को भारतीय तटरक्षक बल ने बचाया है. इस मालवाहक जहाज में 18 भारतीय और इथियोपियाई नागरिक मौजूद थे.
Maharashtra News: भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Gourd) ने एक बचाव अभियान के दौरान शुक्रवार को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के पास एक मालवाहक जहाज से चालक दल के 19 सदस्यों को बचाया. इस मालवाहक जहाज में 18 भारतीय और इथियोपियाई नागरिक मौजूद थे. तटरक्षक बल ने बयान में बताया कि, यह जहाज संयुक्त अरब अमीरात के खोर फक्कन ने न्यू मंगलौर बंदरगाह जा रहा था. इस जहाज पर 3911 मिट्रिक टन कोलातार लदा हुआ था. पोत से अरब सागर में ऊंची लहरे उठने की जब सूचना मिली उस वक्त जहाज रत्नागिरी तट से 41 किलोमीटर दूर था. इसी दौरान चालक दल द्वारा एक आईसीजी को एक संकट संदेश भेजा गया. इसके बाद मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर टीम हरकत में आई और आसपास के दो आईसीजी जहाजों, आईसीजीएस सुजीत और आईसीजीएस अपूर्वा को संकटग्रस्त मालवाहक जहाज की ओर भेजा गया.
पहले भी लोगों की जान बचा चुका है तटरक्षक दल
एमटी पार्थ तेजी से और खतरनाक रूप से अनियंत्रित हो रहा था, जिससे चालक दल ने जहाज को इस उम्मीद में छोड़ दिया कि यह डूब जाएगा, तभी दोपहर करीब 12.30 बजे आईसीजीएस सुजीत हेलिकॉप्टर के साथ मौके पर पहुंचे. बता दें कि, जून में भी भारतीय तटरक्षक बल ने अपने एक बचाव अभियान में मर्चेंट जहाज के 15 चालक दल के साथ 15 सीरिआई नागरिकों को बचाया था. यह बचाव अभियान तटरक्षक बल के दो जहाजों विक्रम और अमर्तया के द्वारा किया गया था.
महाराष्ट्र के श्रद्धालु की मौत
एक अन्य मामले में उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री धाम के दर्शन कर लौट रहे महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु की ह्रदयाघात से मृत्यु हो गयी. धरासू के थानाध्यक्ष ऋतुराज ने बताया कि घटना बृहस्पतिवार को चिन्यालीसौड के एक होटल में हुई, जहां मंदिर के दर्शन के बाद पुणे के रहने वाले शरद गहनोत्त (62) अपने परिवार के साथ ठहरे हुए थे. रात को लगभग 11 बजे गहनोत्त ने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उनके परिवार के लोग उन्हें 108 सेवा से चिन्यालीसौड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए. हांलांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उनकी मौत हो गयी. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 240 तीर्थयात्रियों की ह्रदयाघात या अन्य स्वास्थ्य कारणों से मृत्यु हो चुकी है.
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