Colaba Gold Robbery: पुलिस ने 24 साल बाद लौटाया परिवार को चोरी हुआ सोना, सोने के सिक्के सहित शामिल थी ये चीजें
Colaba Gold Robbery: महाराष्ट्र के कोलाबा से एक बेहद हैरान करने वाला सामने आया है. यहां एक परिवार को करीब 24 साल पहले उनका चोरी हुआ सोना वापस मिल गया है.
Colaba Gold Robbery: महाराष्ट्र के कोलाबा से एक बेहद हैरान करने वाला सामने आया है. यहां एक परिवार को करीब 24 साल पहले उनका चोरी हुआ सोना वापस मिल गया है. यह सोना स्वयं कोलाबा के एसीपी पांडुरंग शिंदे ने पीड़ित परिवार को लौटाया. इसे लेकर एसीपी ने बताया, ''दो एंटिक सोने के सिक्के, 3 सोने के कंगन, और 2 सिल्लियां, अर्जन दासवानी परिवार को सौंप दिया गया.''
आपको बता दें कि चोर अर्जन दासवानी के घर से सोने के सिक्के, जिन पर विक्टोरिया क्वीन और रानी एलिजाबेथ की फोटो थी, दो गोल्ड ब्रेसलेट और 100 ग्राम और 200 मिलीग्राम वजन की दो सिल्लियां चोरी हुई थीं. उस वक्त इनकी की कीमत 13 लाख रुपए बताई गई थी.
Maharashtra | A Colaba resident gets back stolen gold worth crores, after 24 years
— ANI (@ANI) January 31, 2022
"Recovery of 2 antique gold coins, 3 gold bracelets, & 2 ingots, were made & given to the Arjan Daswani family by the Colaba Police, after its robbery in 1998," said Colaba ACP, Pandurang Shinde pic.twitter.com/WeAIRGdg5T
क्या है मामला
साल 1998 में दासवानी परिवार के यहां चोरी हुई और चोर करीब 13 लाख का सोना लेकर चले गए. इस मामले को लेकर अर्जन दासवानी ने 8 फरवरी 1998 को पुलिस में चोरी का मामला दर्ज करवाया. चोर दासवानी के घर में घुसे और तिजोरी का ताला तोड़कर सारा सोना ले उड़े. पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद मामले में चार्जशीट दायर की और इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. जबकि दो आरोपी अब तक फरार बताए जा रहे हैं.
साल 2002 में सेशन कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों को बरी कर दिया लेकिन सोना पुलिस के पास ही जमा रहा. सेशन कोर्ट ने आरोपियों को बरी करते हुए ऑर्डर पास किया, "जब तक फरार आरोपी के खिलाफ मामला उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तब तक जब्त संपत्ति को संरक्षित किया जाएगा".
परिवार ने दर्ज किया हल्फनामा
आपको बता दें कि परिवार की ओर से हल्फनामा दायर किया गया था. शिकायतकर्ता अर्जन दासवानी की 2007 में मौत हो गई लेकिन उनके बेटे राजू दासवानी ने सभी ऑरिजनल बिल संभाल कर रखे. राजू की दो बहनें हैं, कानून के मुताबिक पिता की इस संपत्ति पर उनका भी बराबर का अधिकार है. दोनों बहनों ने कोर्ट में नो ऑब्जेक्शन लेटर दायर किया और अपने भाई को सारा सामान देने का अनुरोध किया.
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