(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
संजय निरुपम का बड़ा बयान, 'कांग्रेस की बची-खुची राज्य सरकारों को तत्काल...', क्यों कही ये बात?
Sanjay Nirupam Attacks Congress: ऱाष्ट्रपति शासन की मांग करने पर संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस की मांग के कारणों को अगर बेंचमार्क माना जाए तो इसकी बची-खुची राज्य सरकारों को बर्खास्त करना पड़ेगा.
Maharashtra News: शिवसेना (Shivsena) नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संजय निरुपम ने एक अखबार के आर्टिकल को पोस्ट करते हुए लिखा कि, ''यह एक ऐतिहासिक सच है कि कांग्रेस के राज में संविधान की धारा 356 का सर्वाधिक दुरुपयोग हुआ है. कांग्रेस ने राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करना हमेशा अपना ख़ानदानी हक़ समझा है.''
संजय निरुपम लोकसभा चुनाव के दौरान ही कांग्रेस छोड़कर शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गए थे. बताया जाता है कि वह कांग्रेस में हुए टिकट वितरण को लेकर खुश नहीं थे. संजय निरुपम ने बुधवार को 'एक्स' पर लिखा, '' यह एक ऐतिहासिक सच है कि कांग्रेस के राज में संविधान की धारा 356 का सर्वाधिक दुरुपयोग हुआ है. कांग्रेस ने राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करना हमेशा अपना खानदानी हक समझा है. संभवत: इसी गुणधर्म का पालन करते हुए महाराष्ट्र के कांग्रेसियों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.''
हास्यास्पद हरकत करने से बचे कांग्रेस - संयज निरुपम
संजय निरुपम ने कहा, ''इनकी मांग से कुछ होना-जाना नहीं है. फिर भी, इनकी मांग के कारणों को अगर बेंचमार्क माना जाए तो कांग्रेस की बची-खुची राज्य सरकारों को तत्काल बर्खास्त करना पड़ेगा. मसलन, एक कारण है,भ्रष्टाचार. अगर ये कोई कारण है तो अतीत की सारी कांग्रेस सरकारों को बर्खास्त माना जाना चाहिए और कांग्रेस से अवैध सरकार चलाने के लिए पेनल्टी बसूलनी चाहिए. बहरहाल,केंद्र और राज्यों के स्वस्थ संबंध और मज़बूत फ़ेडरल स्ट्रक्चर पर रोज़ ज्ञान बांटने वाली कांग्रेस को ऐसी हास्यास्पद हरकतें नहीं करनी चाहिए.''
नाना पटोले ने राज्यपाल से की थी मुलाकात
दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में मंगलवार को एक प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की. पटोले ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार किसानों को खुदकुशी से रोकने और सूखे से निपटने में नाकाम रही है.
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