Latur: कांग्रेस नेता और लातूर के पूर्व महापौर ने लातूर के मराठवाड़ा रेल कोच फैक्टरी (Marathwada Rail Coach Factory) का नाम बदलकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख (Vilasrao Deshmukh) के नाम पर रखने की मांग की है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की स्थानीय इकाई ने यह कहते हुए इस मांग का विरोध किया कि फैक्ट्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रयासों के कारण बना है और इसमें देशमुख की कोई भूमिका नहीं है.


पूर्व मेयर विक्रांत गोजामगुंडे ने लिखा पत्र


पूर्व मेयर विक्रांत गोजामगुंडे ने दावा किया कि उन्होंने अपनी मांग के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे को लिखा है.गोजामगुंडे ने कहा कि लातूर जिले के रहने वाले देशमुख ने महाराष्ट्र, विशेष रूप से मराठवाड़ा क्षेत्र के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि लातूर से लातूर रोड तक नई रेलवे लाइन और लातूर-कुर्दुवाडी नैरो गेज लाइन को ब्रॉड गेज लाइन में बदलना देशमुख के प्रयासों से ही संभव हो पाया है.


लातूर बीजेपी अध्यक्ष ने इस मांग को हास्यास्पद बताया


लातूर बीजेपी अध्यक्ष गुरुनाथ मागे ने इस गोजामगुंडे की मांग को हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि  रेल विकास निगम लिमिटेड की एक परियोजना के तहत मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री स्थापित की गई है. यहां पहला कोच शेल 2020 के दिसंबर में तैयार किया गया था. "कोच फैक्ट्री कहीं और बनाई जानी थी, लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी के नेताओं के प्रयासों की वजह से इसे लातूर लाया गया. उन्होंने कहा कि दिवंगत कांग्रेस नेता का नाम यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज को दिया गया है.मागे ने कहा कि हम सहमत हैं कि विलासराव देशमुख ने लातूर के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया. हालांकि, मराठवाड़ा कोच फैक्ट्री जैसी बड़ी परियोजना पीएम मोदी के नेतृत्व के तहत केंद्र सरकार के प्रयासों के कारण आई.


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