महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने बुधवार को भारत के लोकतंत्र की तुलना पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका से करते हुए दावा किया कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और इस पर वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है. पटोले ने नागपुर में मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सवाल उठाया और कहा कि सोलापुर जिले के मरकडवाडी गांव में एक “जन आंदोलन” आकार ले रहा है, जहां निवासियों ने ईवीएम पर संदेह जताया और वे मतपत्रों का उपयोग करके “पुनर्मतदान” कराना चाहते हैं.


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कई शहरों और गांवों में लोगों ने भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महायुति गठबंधन की जीत और उसके बाद सरकार गठन पर भी संदेह जताया है. पटोले ने मतपत्रों का उपयोग करके “पुनः चुनाव” कराने की योजना को लेकर कई ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले का जिक्र करते हुए सरकार पर मरकडवाडी के लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाया.


बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग


कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ग्राम सभाएं मतपत्रों के जरिये चुनाव कराने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित कर रही हैं. पटोले ने साकोली सीट पर मात्र 208 मतों के अंतर से जीत हासिल की. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में लोकतंत्र खतरे में है. अब चिंता जताई जा रही है कि भारतीय लोकतंत्र भी खतरे में है और इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है. ”


पटोले ने कहा, ‘‘इसलिए हम निर्वाचन आयोग से लोगों की इच्छा के अनुसार चुनाव कराने का अनुरोध कर रहे हैं.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार विधानसभा में शपथ लेने के बाद वे अपने भाषणों के ज़रिए अपनी-अपनी पार्टियों को बीजेपी के नज़दीक दिखाने की कोशिश कर रहे थे, पटोले ने कहा, “वे (शिंदे और पवार) अभी बीजेपी को नहीं जानते हैं. अब, वे धीरे-धीरे चीज़ों को समझ जाएंगे... वे खुशी से रहें.”


महाराष्ट्र चुनाव में एमवीए को मिली 46 सीटें


विपक्ष के नेता के बारे में एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए पटोले ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दल कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी एक नाम को अंतिम रूप देंगे और इसे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेजेंगे. महाराष्ट्र चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन ने 288 सीट में से 230 सीट पर जीत हासिल की जबकि एमवीए केवल 46 सीट पर सिमट गया.


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