Maharashtra Congress: महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक सुनील केदार को झटका, इस केस में आया बड़ा फैसला, पांच साल की हुई सजा
Congress MLA Sunil Kedar: आज महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. उन्हें पांच साल कैद की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना भरने को कहा गया है.
Congress MLA Sunil Kedar Case: कांग्रेस के लिए एक बुरी खबर आई है. उसके वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार और पांच अन्य को शुक्रवार को लगभग 150 करोड़ रुपए के नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक घोटाले में दोषी पाया गया है. केदार नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन रह चुके हैं. दोषी पाए गए अन्य लोग हैं केतन शेठ, नंदकिशोर त्रिवेदी, अशोक चौधरी, सुबोध भंडारी - सभी मुंबई से, और अहमदाबाद के अमित वर्मा.
कांग्रेस विधायक को पांच साल की सजा
महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. विशेष अदालत ने 150 करोड़ रुपये के एनडीसीसीबी घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सुनील केदार को पांच साल कैद की सजा सुनाई और 10 लाख रुपये जुर्माना भरने को कहा है. 5 अन्य आरोपियों को भी इतनी ही जेल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
क्या है पूरा मामला?
यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सुनील केदार को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के दुरुपयोग के लिए पांच साल की कैद की सजा सुनाई. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे वी पेखले-पुरकर 2002 के मामले में फैसला सुनाया गया है. अन्य प्रावधानों के अलावा, केदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत दोषी ठहराया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, एनडीसीसीबी को सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 2002 में एक निवेश फर्म होम ट्रेड सिक्योरिटीज के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था. तब केदार बैंक के अध्यक्ष थे.
तीन को किया बरी
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति पेखले-पुरकर ने 2002 से लगभग 21 वर्षों तक चले मुकदमे में अन्य तीन आरोपियों को बरी कर दिया, जबकि कुछ अन्य संबंधित मामले अभी भी विभिन्न राज्यों में लंबित हैं. केदार और अन्य पर सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के लिए सहकारी बैंक के धन को निजी संस्थाओं में स्थानांतरित कर मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण एनडीसीसीबी को काफी नुकसान हुआ. इसके अलावा और भी कई दूसरे आरोप हैं.