Contempt of Court case on Nawab Malik: महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) का रुख किया है और अपने ऊपर दायर अवमानना (Contempt of Court) का मामला रद्द करने की मांग की है. एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के पिता ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा उनके विरूद्ध अवमानना का मामला दर्ज करवाया गया था. अदालत में पेश होकर मलिक ने हलफनामा दाखिल किया और कोर्ट की अवमानना करने संबंधी सभी आरोपों से इनकार किया. ध्यानदेव वानखेड़े की याचिका पर हाई कोर्ट ने उनके विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया था.


ध्यानदेव वानखेड़े ने पिछले साल अवमानना याचिका दायर कर दावा किया था कि दिसंबर में मलिक ने अदालत से वानखेड़े के विरूद्ध मानहानिकारक टिप्पणी या सोशल मीडिया पोस्ट नहीं करने का जो वादा किया था, उसका उन्होंने उल्लंघन किया है. न्यायमूर्ति एस जे काठवाला की अगुवाई वाली पीठ के सामने सोमवार को दाखिल किये गये अपने हलफनामे में मलिक ने दावा किया कि ऐसा शपथ पत्र देते समय उनके वकील ने अदालत से कहा था कि उनका शपथपत्र उन्हें केंद्र सरकार के उन अधिकारियों के आचरण के विरूद्ध सार्वजनिक बयान देने से नहीं रोकेगा जो अपने सरकारी कर्तव्य का उल्लंघन करते हैं.


कोर्ट में दायर किया हलफनामा


मलिक के हलफनाफे में कहा गया है कि ध्यानदेव वानखेड़े ने जिन टिप्पणियों एवं टीवी साक्षात्कारों का जिक्र किया है, वे इसी रियायत के दायरे में हैं , इसलिए उन्होंने ‘शपथपत्र का उल्लंघन नहीं किया है. ’’ मंत्री के वकील बिरेंद्र सर्राफ ने कहा कि ध्यानदेव के वकील ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत के सामने जिन संवाददाता सम्मेलनों का जिक्र किया है, उनमें उनके मुवक्किल ने समीर वानखेड़े का नाम नहीं लिया था. हाई कोर्ट ने ध्यानदेव के वकील को मलिक के हलफनामे पर एक हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया.


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