Maharashtra News: ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हो गईं. 275 लोगों को जान गंवानी पड़ी. एनडीआरएफ ने सोमवार को ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन दुर्घटना स्थल से अपने सभी नौ दलों को वापस बुलाने के साथ अपना बचाव अभियान खत्म कर दिया. इस हादसे पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी लगातार सामने आ रही हैं.
इस बीच वंजित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर की भी प्रतिक्रिया सामन आई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "कितनी शर्म की बात है! रेलवे ट्रैक, सिग्नल और उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए कोई फंड नहीं है, लेकिन हम अहमदाबाद-मुंबई सुपर-फास्ट ट्रेन के लिए 1 लाख करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं. गुजरात मायने रखता है; और कुछ नहीं!"
अभी तक 121 शव बरादम किए गए- अधिकारी
ट्रेन हादसे के बाद अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि एनडीआरफ ने 44 पीड़ितों को बचाया और दो जून को दुर्घटना के बाद टीम को तैनात किए जाने के बाद से मौके से 121 शव बरामद किए. अधिकारियों ने कहा कि आठ दलों को रविवार को बुला लिया गया था, जबकि एक दल को सोमवार को वापस बुलाया गया.
नौ दलों को बालासोर, मुंडाली (कटक जिला) और कोलकाता से भेजे जाने के बाद बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए राज्य आपदा बलों और स्थानीय प्रशासन के कर्मियों के साथ जोड़ा गया था. एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने अभियान के दौरान भारी प्लाज्मा और गैस कटर, स्ट्रेचर, श्वान दल और अन्य उपकरण का इस्तेमाल किया.
2 जून को हुई थी घटना
बता दें कि कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार (2 जून) शाम करीब सात बजे ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके (कोरोमंडल एक्सप्रेस के) अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए.