Corona 4th Wave: देश के कई राज्यों में कोविड के मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं महाराष्ट्र में भी कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में आइआइटी कानपुर में स्थापित रिस्क सर्विलांस सेंटर ने भी निगरानी शुरू कर दी है. सेंटर के प्रभारी पद्मश्री प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने इसे पुराने वैरिएंट का प्रसार बताया है. राज्य में कोरोना के जुलाई में ही चरम पर पहुंचने का अनुमान लगाया है. साथ ही देश में कोरोना के प्रसार की सटीक जानकारी का अध्ययन एक हफ्ते में होने की उम्मीद जताई है.


पहले चौथी लहर जून में आने की संभावना थी
मणीन्द्र अग्रवाल ने कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के प्रसार की गति को अपने गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर बताया था. उनके आकलन के मुताबिक तमाम राज्यों में सरकारों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी कदम भी उठाए थे. बाद में आइआइटी के कुछ प्रोफेसरों ने अन्य मॉडल के आधार पर कोरोना की चौथी लहर इसी महीने जून में आने का अंदाजा लगाया, लेकिन प्रो. अग्रवाल ने चौथी लहर के आने की संभावना से इन्कार किया था. 


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कोरोना के प्रसार की गति को मापना शुरू
हाल ही में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा होने पर एक बार फिर प्रोफेसर अग्रवाल ने सूत्र मॉडल से अध्ययन शुरू किया है. यही नहीं, आईआईटी में उनके निर्देशन में स्थापित रिस्क सर्विलांस सेंटर के वैज्ञानिकों ने भी इसी मॉडल के आधार पर कोरोना के प्रसार की गति को मापना शुरू किया है.


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