Mumbai: अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को अनाथालय में रह रहीं दो छात्राओं के लिए तत्काल ‘अनाथ प्रमाणपत्र’ जारी करने के दिए निर्देश
Bombay high court: अदालत ने कहा कि यदि आवेदन में कोई त्रुटि थी तो इतने दिनों के बाद भी आवेदकों को इस बारे में क्यों नहीं बताया गया. अदालत ने एक सप्ताह के भीतर प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया.
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Mumbai News: बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को यहां एक अनाथालय में रह रहीं दो छात्राओं के लिए तत्काल ‘अनाथ प्रमाणपत्र’ जारी करने का निर्देश दिया है ताकि वे नीट-2022 परीक्षा में शामिल हो सकें. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने एक गैर सरकारी संगठन ‘ द नेस्ट इंडिया फांउडेशन’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 मई को यह आदेश जारी किया जिसकी प्रति बुधवार को उपलब्ध हुई. यह एनजीओ बच्चों के लिए अनाथालय चलाता है.
छात्राओं को एमबीबीएस डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु इस प्रमाणपत्र की जरूरत
याचिका में कहा गया है कि अनाथालय की इन दोनों छात्राओं ने ‘अनाथ प्रमाणपत्र’ जारी किये जाने के लिए नवंबर 2020 में मुम्बई के जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय में आवेदन दिया था. उन्हें राष्ट्रीय अर्हता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) 2022 में शामिल होने एवं एमबीबीएस डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु इस प्रमाणपत्र की जरूरत है.
आवेदन में कई त्रुटियां, इसलिए जारी नहीं हुआ प्रमाणपत्र
याचिकाकर्ताओं के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने दलील दी कि संबंधित कार्यालय के कई चक्कर काटने एवं फोन करने के बाद भी प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया. इस पर सरकारी वकील पूर्णिमा कंठारिया ने अदालत से कहा कि आवेदनों में कुछ त्रुटियां एवं कमियां हैं, इसलिए प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया.
एक सप्ताह के भीतर छात्राओं को जारी हो प्रमाणपत्र
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि अनाथ प्रमाणपत्र के वास्ते नवंबर 2020 में आवेदन दिया गया लेकिन संबंधित प्राधिकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. उसने कहा, ‘‘यह उल्लेख करना भी अहम है कि नवंबर, 2020 से अब तक अधिकारी आवेदनों में त्रुटियों के बारे में नहीं बता पाए." अदालत ने संबंधित प्राधिकार को एक सप्ताह के अंदर इन दोनों छात्राओं को अनाथ प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया.
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