Covid-19: देश में कोरोना के मामले काफी ज्यादा सामने आ रहे है. देश में गुरुवार को 22 लाख से ज्यादा एक्टिव केस दर्ज किए गए वहीं पॉजिटिविटी रेट 17.75% है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है ति कुछ राज्यों में जहां केस और पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा थे उन में कमी देखी जा रही लेकिन अभी भी कुछ राज्य ऐसे है जहां मामले बढ़ रहे है.  इसलिए अभी ये कहना कि कोरोना की तीसरी लहर की पीक आ गई है सही नहीं है.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, , हरियाणा में नए मामलों के अलावा केस पॉजिटिविटी में भी कमी देखने को मिल रही है.


महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली और हरियाणा में कम हुई कोरोना की रफ्तार



  • महाराष्ट्र में पिछले हफ्ते कुल 29164 केस सामने आए थे वहीं इस हफ्ते 279356 नए मामले रिपोर्ट हुए है.

  • महाराष्ट्र में पॉजिटिविटी रेट 23.7% से घटकर 23.3% हो गई है.

  • उत्तर प्रदेश में पिछले हफ्ते 111507 नए मामले थे जो अब घटकर 98211 हो गए है

  • यूपी में पॉजिटिविटी रेट 8.7% से 7.3% हो गया है.

  • दिल्ली में पिछले हफ्ते 130250 मामले रिपोर्ट हुए थे अब 63031 मामले आए

  • दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 29.1% से 14.7% हो गई है.

  •  हरियाणा में पिछले हफ्ते 60821 केस आए थे जो इस हफ्ते घटकर 53869 हो गए है

  • हरियाणा में पॉजिटिविटी रेट 31% से घटकर 27% हुई है.


राजस्थान समेत कुछ राज्यों में केस और पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहे हैं


गौरतलब है कि जहां कुछ राज्यों में कोरोना के मामलों में कमी आई तो कुछ राज्यों में मामले अभी काफी ज्यादा आ रहे है.  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में केस और पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहे है. यानी कुछ राज्य में केस कम हुए है तो कुछ में अभी बढ़ रहे है. इसलिए ये कहना की केस कम हो गए और पीक आ गई है या चल रही है ये अभी नहीं कहा जा सकता है.


टीका और सावधानी ही कोरोना से बचाव है


स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि, “जैसे हमने आपको बताया कि सर्टेन जियोग्राफी एक्रॉस द कंट्री में कुछ प्रांत ऐसे है जहां केस में प्लेटु नोट किया गया है,कुछ हद तक वहां पॉजिटिविटी यानी इन्फेक्शन स्प्रेड में भी कमी नोट की गई है लेकिन देश में ऐसे कुछ प्रांत भी जहां आज भी इन्फेक्शन बढ़ रहा है केस की संख्या बढ़ रही है.  तो ओवरऑल बड़ी तस्वीर के रूप में हमारे सामने आना बाकी है इसको एनालिसिस करने की जरूरत है. इसको पीक और नॉन पीक पर एनालाइज ना करें, जो केस टार्जेक्ट्री है वो किस दिशा में जा रही है और उसको हमें मैनेज करने की जरूरत है. फिलहाल कुछ राज्यों केस और संक्रमण दर कम हुई है लेकिन इतनी नहीं है की ये कहा जाए की खतरा खत्म हो गया है. वहीं कुछ राज्यों में अभी हालत चिंताजनक बने हुए. ऐसे सावधानी और टीका ही सबसे बड़ा बचाव है.


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