Maharashtra: डोंबिवली के शांति उपवन कॉम्प्लेक्स की इमारत में आई दरार, 250 परिवारों को किया गया शिफ्ट
डोंबिवली शांति उपवन कॉम्प्लेक्स की इमारत में दरार आने के बाद यहां रहने वाले 250 परिवारों सुरक्षित निकाला गया. वहीं केडीएमसी की टीम ने इमारतों को सील कर दिया है.
Maharshtra News: महाराष्ट्र (Maharshtra) के ठाणे (Thane) जिले के डोंबिवली (Dombivli) शांति उपवन कॉम्प्लेक्स (Shanti Upvan Complex) की इमारत में शनिवार रात को अचानक दरार पड़ गई. इसके बाद यहां रहने वाले 250 परिवारों सुरक्षित निकाला गया. हालांकि इमारत में दरार क्यों आई इसके पीछे का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है.
लेकिन कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के अधिकारियों की ओर से इस बात की की आशंका जाहिर की गई है कि इस इमारत में दरार डेवलपर के घटिया गुणवत्ता का काम करने की वजह से आई है क्योंकि अभी इस इमारत को बनें 25 साल भी नहीं हुए हैं. वहीं इमारत के डेवलपर राजेंद्र लोढ़ा ने कहा कि उन्होंने इसे सालों पहले पहले सौंप दिया था. निवासियों ने इस इमारत की मरम्मत और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया.
लोगों में दिखी दहशत
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, शनिवार को रात 9.30 बजे डोंबिवली के शांति उपवन कॉम्प्लेक्स में एक इमारत के निवासियों ने तेज आवाज सुनी. इसके बाद तुरंत बाहर निकल गए. वहीं इस इमारत के एफ विंग में रहने वालों ने अपने हॉल के कमरों में दरारें देखीं. इन दिवारों से मिट्टी निकल रही थी. ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले शिवानंद तिवारी के अनुसार, जब वो अपने हॉल के कमरे में बैठे थे तभी अचानक उन्होंने तेज आवाज सुनी. इसके बाद उन्होंने कमरे में आकर देखा तो पूरा कमरा मिट्टी से भरा हुआ था. शुरू में उन्हें संदेह हुआ कि भूकंप आया है. इसके बाद वो उनकी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ बाहर भागे. उन्होंने ये फ्लैट 10 साल पहले खरीदा था. उनके मुताबिक ये इमारत अभी 23 साल पुरानी है.
बचाव दल की टीम ने किया रेसक्यू
इस कॉम्प्लेक्स पांच इमारतों से 42 परिवारों को एक बचाव दल की टीम ने रेसक्यू किया. वहीं फायर ब्रिगेड की टीम ने रात 11.30 बजे तक एक दिव्यांग परिवार समेत कुछ परिवारों को बाहर निकाल लिया. WAAR नामक एक NGO भी बचाव अभियान में शामिल हुआ. रविवार दोपहर तक रेसक्यू टीम ने एफ विंग को छोड़कर सभी विंग्स के निवासियों को उनके कीमती सामान लेने में मदद की.
केडीएमसी की टीम ने इमारतों को कहते हुए सील कर दिया कि ये सुरक्षित नहीं हैं. वहीं स्थानीय विधायक प्रमोद (राजू पाटिल) ने केडीएमसी के अधिकारियों के साथ, निवासियों को पास के स्कूलों और समुदायिक मंदिर हॉल में अस्थायी आश्रय दिलाने में मदद की. वहीं केडीएमसी आयुक्त डॉ भाऊसाहेब डांगडे ने पूरे कॉम्प्लेक्स के एक स्ट्रकचरल ऑडिट का आदेश दिया है.