Cyclone Biporjoy News: चक्रवाती तूफान को ‘बिपरजॉय’ को लेकर मौसम विभाग के वैज्ञानिक सुनील कांबले ने कहा है कि अनुमान है कि अरब सागर में अगले 24 घंटों में चक्रवात बन सकता है. चक्रवात हमारे तटों से 1000-1100 किमी दूर है, इसलिए हमारे तटों पर इसका इतना असर संभव नहीं है. समुद्र में मछुआरों को जाने से मना किया गया है, ये आदेश अगले 10 दिनों तक रह सकता है.
बता दें कि मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में साउथी पोरबंदर में साउथईस्ट अरब सागर पर निम्न दबाव का क्षेत्र नॉर्थवेस्ट की ओर बढ़ सकता है और चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. तूफान का ये नाम बंग्लादेश ने रखा है. आईएमडी के बुलेटिन की मानें तो निम्न दबाव का क्षेत्र सुबह साढ़े आठ बजे वेस्ट-साउथवेस्ट गोवा से करीब 950 किलोमीटर, साउथ-साउथवेस्ट मुंबई से 1,100 किमी, साउथ पोरबंदर से 1,190 किमी और पाकिस्तान में साउथ कराची से 1,490 किलोमीटर पर बना हुआ था.
बुलेटिन में आगे कहा गया है, ‘‘दबाव के क्षेत्र के नॉर्थ की ओर बढ़ने तथा ईस्ट-सेंट्रल अरब सागर और उससे सटे साउथईस्ट अरब सागर पर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है.’’
मौसम कार्यालय ने बताया कि चक्रवाती तूफान गुरुवार (8 जून) सुबह तक भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने और शुक्रवार (9 जून) शाम तक इसके प्रचंड रूप लेने की संभावना है. इस दौरान केरल-कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप-मालदीव इलाकों में छह जून और कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है. समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है. आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि साउथ-ईस्ट अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के कारण चक्रवाती हवाएं मानसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं. हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई.