Maharashtra News: मुंबई के दादर रेलवे ईस्ट स्टेशन के बाहर मौजूद हनुमान मंदिर को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. सेंट्रल रेलवे प्रशासन ने मंदिर ट्रस्ट को नोटिस दिया है कि ये मंदिर एक अवैध निर्माण है और रेलवे की जमीन पर बना हुआ है. रेलवे स्टेशन के विस्तार के लिए इस मंदिर को हटाना पड़ेगा.
उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी की नीयत पर सवाल उठाएं हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि हिंदुत्व के नाम पर बीजेपी वोट मांगती है लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर चुप है. मुंबई में मंदिर तोड़े जाने की बात की जा रही है, उसपर भी बीजेपी क्यों चुप है?
'आस्था से जुड़ा मंदिर, यात्री मत्था टेकते हैं'
दादर स्टेशन के बाहर मौजूद हनुमान मंदिर प्रशासन की मानें तो साल 2018 में भी नोटिस किया गया था और उसके बाद 5 दिसंबर को भी नोटिस दिया गया है, जिसमें लिखा गया है कि एक हफ्ते के अंदर इस मंदिर को हटाया जाए. इस पर मंदिर ट्रस्ट ने किसी भी तरह का ऐतराज नहीं उठाया है. रेलवे के किसी विकास कार्य में वह विरोध नहीं करते हैं लेकिन यह हमारी आस्था से जुड़ा हुआ मंदिर है. आते-जाते यात्री यहां पर मत्था टेक कर आगे बढ़ते हैं और ईश्वर की कृपा से ही यह मंदिर यहां से हट सकेगा.
श्रद्धालुओं ने दी विरोध की चेतावनी
वहीं, कुछ श्रद्धालुओं के मुताबिक, यह मंदिर 80 साल पुराना है और इस पर रेलवे प्रशासन की तरफ से करवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर इस मंदिर को हटाया जाएगा तो हम सड़क पर भी उतर सकते हैं. मंदिर के पुजारियों का भी यही कहना है कि इस मंदिर से हजारों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, क्योंकि दादर स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने के लिए लोग रोजाना आते हैं और रोज ही इस मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लेकर अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं. कइयों की मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से उनकी यात्रा सफल होती है. ऐसे में मंदिर को हटाने से लोगों की आस्था को ठेस पहुंचेगी.
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