Online Classes:  कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से शिक्षा ऑनलाइन मोड (Online Mode) में शुरू की गई थी लेकिन इस दौरान शहरी झुग्गियों में रहने वाली 67 फीसदी लड़कियां ऑनलाइन कक्षाओं (Online Classes) में शामिल नहीं हो पाई. एक सर्वे (Survey) में खुलासा हुआ है कि साल 2022 में कोरोना महामारी के चलते किए गए पूर्ण लॉकडाउन के दौरान दिल्ली (Delhi), महाराष्ट्र (Maharashtra) और बिहार (Bihar) की शहरी झुग्गियों में रहने वाली 67 फीसदी लड़कियां ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पाई.


10 से 18 साल की लड़कियों पर हुआ सर्वे


दरअसल गैर सरकारी संगठन ‘ सेव द चिल्ड्रन’ द्वारा पिछले साल फरवरी में एक स्टडी की गई थी. इसमें 10 से 18 साल की 68 फीसदी लड़कियों को इन राज्यों में स्वास्थ्य और पोषण सुविधाएं नहीं मिल पाई. गौरतलब है कि दिल्ली, महाराष्ट्र ओर बिहार राज्यों का सिलेक्शन एक ओवरऑल क्राइटेरिया के जरिए किया गया था. इन क्राइटेरिया में कोविड-19 के मामले, बाल लिंगानुपात, 18 साल से पहले लड़कियों की शादी, पढ़ाई छोड़ने का वार्षिक औसत और 15 वर्ष से 24 वर्ष की आयु की लड़कियों और महिलाओं द्वारा स्वच्छा संबंधी सुविधाओं का उपयोग शामिल है. बता दें कि प्रत्येक राज्य में से दो जिलों या शहरों को चुना गया था.


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लॉकडाउन की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने में लड़कियों को हुई मुश्किल


वहीं विंग्स 2022: वर्ल्ड ऑफ इंडियाज गर्ल्स: स्पोटलाइट ऑन एडोलेसेंट गर्ल्स एमिड कोविड 19 टाइटल वाली रिपोर्ट में भी कुछ ऐसा ही कहा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में लॉकडाउन के दौरान संक्रमण के प्रसार, स्कूलों एवं स्वास्थ्य केंद्र का बंद हो जाना, स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपलब्धता ने लड़कियों कि लिए कई मुश्किल हालात पैदा किए थे.य इसमें ये भी कहा गया कि लॉकडाउन के बाद 51 प्रतिशत लड़कियों के सामने स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कनरे में काफी मुश्किल बनी रही.


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