Maharashtra Politics: 'नाना पटोले को हटाओ, शिवाजीराव मोघेन को महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष बनाओ'
महाराष्ट्र कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के खिलाफ बागवती सुर नजर आने लगे है पार्टी में पटोले को पद से हटाने की मांग उठने लगी है, वही शिवाजीराव मोघे को नया अध्यक्ष बनाने की मांग की जा रही है.
Maharashtra News: शिवसेना के बाद अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी आपसी खींचतान की खबरें सामने आ रही है. महाराष्ट्र कांग्रेस में अब प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को पद से हटाने की मांग की जा रही है. कांग्रेस के 24 नेताओं ने नाना पटोले को पद से हटाकर उनकी जगह शिवाजीराव मोघे को नया अध्यक्ष बनाने की मांग की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर गुटबाजी करने और दलित मुस्लमानों और आदिवासियों को अलग करने का आरोप लगाया जा रहा है.
शिवाजीराव मोघे को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग
कांग्रेस नेताओं द्वारा पार्टी पर्यवेक्षक रमेश चेन्निथला से मांग की गई है कि अगला प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी समुदाय से होना चाहिए. नाना पटोले पर आरोप लगाया गया है कि उनकी वजह से दलित, मुस्लिम और आदिवासी जो कांग्रेस के मुख्य वोट बैंक हैं, पार्टी से अलग हो गए हैं. नाना पटोले पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. अब शिवाजीराव मोघे के समर्थकों ने दावा किया है कि कांग्रेस में भी नानागिरी चल रही है. विदर्भ के 24 नेताओं ने गंभीर आरोप लगाया है कि नाना पटोले पार्टी की बैठक में किसी की नहीं सुनते. जिसके चलते पार्टी इंस्पेक्टर रमेश चेन्निथला ने पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने और आदिवासी नेता शिवाजीराव मोघे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की गई है. ऐसे में अब सबकी निगाह इस बात पर टिकी है कि रमेश चेन्नीथ इस बारे में क्या फैसला लेंगे.
नाना पटोले को हटाने के लिए आलाकमान से मुलाकात
कांग्रेस कमेटी के सचिव रहमान खान नायडू, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य प्रकाश मुगड़िया, सरदार महेंद्र सिंह सलूजा, इकराम हुसैन समेत 21 अन्य पदाधिकारियों ने मुंबई में रमेश चेन्निथला से मुलाकात की. नाना पटोले को हटाने की मांग को लेकर ये सभी नेता जल्द ही रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन में आलाकमान से मुलाकात करेंगे.
वही आपको बता दें कि नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गरमा गया था. इस चुनाव के मौके पर देखा गया कि कांग्रेस में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है. नामांकन मिलने के बावजूद आवेदन नहीं भरने पर सुधीर तांबे को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. सत्यजीत तांबे को पार्टी ने मनोनीत नहीं किया तो उन्होंने स्वतंत्र अर्जी दाखिल कर एक तरह की बगावत कर दी. इसी बात से चर्चा शुरू हुई कि नाना पटोले और बालासाहेब थोराट में मतभेद है. चर्चा यह भी थी कि बालासाहेब थोराट नाराज थे.