Maharashtra News: डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) को बुधवार को उनके गृह जिले पुणे का संरक्षक मंत्री नियुक्त किया. महत्वपूर्ण बात यह है कि वह  बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) का स्थान ले रहे हैं. पुणे जिले को अजित पवार के लिए बेहद अहम माना जाता है. वहीं, अजित पवार समेत एनसीपी के नौ में से सात मंत्रियों को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी गई है. सरकार की ओर से 12 जिलों के संरक्षण मंत्रियों की सूची में संशोधन किया गया है.


चंद्रकांत पाटिल से भले ही पुणे का प्रभार ले लिया गया हो लेकिन उन्हें दो अन्य जिलों की जिम्मेदारी दी गई. सीएम कार्यालय की ओर से जारी सूची के अनुसार, चंद्रकांत पाटिल को अब सोलापुर और अमरावती की जिम्मेदारी सौंपी गई है. संरक्षक मंत्रियों का नामकरण और पहले हो जाता लेकिन डिप्टी सीएम अजित पवार समेत एनसीपी के नौ विधायकों के सरकार में शामिल होने के बाद सत्ता के समीकरण में बदलाव हुआ जिस वजह से नाम की घोषणा में देरी हो गई.


एनसीपी के इन मंत्रियों को मिला जिले का प्रभार
एनसीपी के मंत्रियों की जिम्मेदारी की बात करें तो दिलीप वाल्से पाटिल को बुल्ढाणा, हसन मुश्रीफ को कोल्हापुर और धनंजय मुंडे को बीड की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, तीन और मंत्रियों संजय बंदसोडे को परभणी, धर्मराव बाबा अत्राम को गोंदिया और अनिल पाटिल को नंदुरबार जिला सौंपा गया है. 


यह होती है संरक्षक मंत्री की भूमिका
उधर, बीजेपी के खेमे से वरिष्ठ मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, विजय कुमार गावित और राधाकृष्ण विखे पाटिल को क्रमशः वर्धा, भंडारा और अकोला जिलों का प्रभार सौंपा गया है. बता दें कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस वर्धा, अकोला, भंडारा और अमरावती जिलों के संरक्षक मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. संरक्षक मंत्री की जिम्मेदारी की बात करें तो उन्हें जिले पर व्यक्तिगत ध्यान देना होता है. स्थानीय जरूरतों को पूरा करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ काम करना होता है.


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