Maharashtra News: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने शुक्रवार को महानंद डेयरी (Mahanand Dairy) को लेकर विपक्ष पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए विपक्ष सरकारी उपक्रम महानंद डेयरी को लेकर झूठे आरोप लगा रही है. अजित पवार ने छत्रपति सांभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) में विभिन्न विभागों और स्थानीय निकायों के जिला स्तरीय बैठक की. इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में विपक्ष पर निशाना साधा. अजित पवार ने कहा, ''विपक्ष ने आरोप लगाया कि महानंद को गुजरात के आनंद स्थित नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को सौंपा जा रहा है, जो कि बिल्कुल झूठ है.''
महानंद, महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन लिमिटेड का उपक्रम है. हाल के समय में इसे नुकसान झेलना पड़ा है. डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा, ''मैं भी महानंद का निदेशक रह चुका हूं. उस वक्त संस्था का फिक्स्ड डिपॉडिट 150 करोड़ रुपये हो गया था. हालांकि दूध उत्पादकों द्वारा चुने गए प्रबंधक बाद में महानंद को हैंडल नहीं कर पाए. हमने मिल्क पाउडर बनाकर महानंद को नुकसान से निपटने के लिए प्रोत्साहित किया था. लेकिन यह काम नहीं आया. राज्य सरकार आगे महानंद पर निर्णय लेगी.''
निदेशकों का जबरन इस्तीफा लेने के आरोपों पर यह बोले अजित पवार
दरअसल, विपक्ष का यह दावा है कि महाराष्ट्र की सरकार महानंद को गुजरात स्थित इकाई को दे रही है जो कि राजनीति से प्रेरित है. विपक्ष ने तो यहां तक आरोप लगाए हैं कि महानंद के निदेशकों पर दबाव डालकर उनका इस्तीफा लिया गया है. अजित पवार ने इन आरोपों का भी जवाब दिया है. अजित पवार ने कहा, ''अगर ऐसा कुछ है, तो उन्हें पुलिस के पास जाना चाहिए और शिकायत दर्ज करानी चाहिए.'' डिप्टी सीएम अजित पवार ने छत्रपति सांभाजीनगर में जायकवाड़ी डैम के पाइपलाइन स्कीम पर भी बात की. डिप्टी सीएम ने कहा, ''अगर हम करीब 800 करोड़ का सॉफ्ट लोन दें तो शासकीय इकाई यानी कि नगर निगम उसे वापस नहीं कर पाएगी. राज्य की कैबिनेट इस पर आगे फैसला करेगी.''
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