Mumbai Fuel Price: बढ़ती महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 8 रुपए और 6 रुपए की कटौती कर आम जनता को बढ़ी राहत दी है. इस कटौती के बाद मुंबई में पेट्रोल की कीमत 9.16 रुपए जबकि डीजल की कीमत 7.49 रुपए घट गई. कीमतें घटने के बाद राज्य में पेट्रोल 111.35 रुपए जबकि डीजल 97.28 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है. इस कटौती के बाद भी महाराष्ट्र में तेल की कीमतें अन्य पड़ोसी राज्यों से ज्यादा बनी हुई हैं.
अन्य राज्यों में काफी कम हैं पेट्रोल के दाम
उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद मुंबई में जहां पेट्रोल 111.35 रुपए बेचा जा रहा है वहीं हैदराबाद में 109.66 रुपए और कोलकाता में 106.03 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है. वहीं, यदि डीजल की कीमतों पर नजर डालें, तो डीजल की सर्वाधिक कीमत हैदराबाद (97.82 रुपए प्रति लीटर) हैं, उसके बाद मुंबई में 97.28 रुपए और चेन्नई 94.24 रुपए प्रति लीटर हैं. महाराष्ट्र के डीलरों का कहना है कि कीमतों में कमी के बावजूद पड़ोसी राज्यों की तुलना में ईंधन की कीमतें महंगी हैं. पेट्रोल और डीजल की कीमत अहमदाबाद में 96.42 रुपए और 92.17 रुपए, भोपाल में 108.65 रुपए और 93.90 रुपए, हैदराबाद में 109.66 रुपए और 97.82 रुपए, पंजिम में 97.68 रुपए और 90.23 रुपए है.
क्या है इसकी वजह
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कम नहीं किया है, जबकि अन्य पड़ोसी राज्यों ने 4 नवंबर को केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क घटाने के बाद वैट घटा दिया था, जिसके परिणामस्वरूप इन राज्यों में ईंधन की कीमतों में गिरावट आई. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसने पेट्रोल पर 2.08 रुपए और डीजल पर 1.44 रुपए वैट कम किया है, लेकिन कराधान की एडवेलोरम प्रणाली के कारण यह कमी स्वाभाविक रूप से परिलक्षित हुई. वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक ने कहा कि वैट में कमी केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी के कारण परिलक्षित प्राकृतिक कमी है. इससे राज्य के खजाने को ₹2,500 करोड़ का वार्षिक नुकसान होगा.
डीलरों को हो रहा भारी नुकसान
वहीं, पेट्रोल डीलरों का कहना है कि वैट में कोई कमी नहीं होने से उन्हें नुकसान हो रहा है क्योंकि आस-पास की राज्य की सीमाओं में रहने वाले उपभोक्ता ईंधन के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं. फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय लोध ने कहा, कि महाराष्ट्र सरकार के वैट न कम करने की वजह से उपभोक्ता पड़ोसी राज्यों में जाकर वाहनों के टैंक फुल करा रहे हैं. इससे हमें नुकसान हो रहा है. वहीं ट्रांसपोटरों का कहना है कि वे सरकार से वैट में जल्द से जल्द कमी की उम्मीद कर रहे हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र की जनता ने भी सरकार से जल्द से जल्द वैट में कमी करने का आग्रह किया है.
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